Srinagar में Shair-e-Kashmir Ghulam Ahmad Mahjoor की मशहूर कविताओं का पाठ कर उन्हें किया गया याद
श्रीनगर के टैगोर हॉल में आयोजित एक समारोह के दौरान कश्मीर के प्रख्यात कवि गुलाम अहमद महजूर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जम्मू-कश्मीर महजूर फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कश्मीरी कवियों, साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया और महजूर के जीवन और उनकी कविताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान महजूर की प्रसिद्ध कविताओं का पाठ किया गया और एक पत्रिका का भी विमोचन किया गया। इस दौरान प्रभासाक्षी से बात करते हुए कार्यक्रम के आयोजक ने कश्मीर भाषा को समृद्ध बनाने में महजूर की कविताओं के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि महजूर के योगदान ने न केवल कश्मीरी भाषा को समृद्ध किया, बल्कि यह कश्मीरी संस्कृति की तस्वीर भी दर्शाता है।इसे भी पढ़ें: Srinagar में Sharbat-e-Muhabbat पीने के लिए बड़ी संख्या में उमड़ रहे स्थानीय लोग और पर्यटकहम आपको यह भी बता दें कि महजूर को जनता का कवि करार देते हुए वक्ताओं ने कहा कि महजूर अपनी क्रांतिकारी कविताओं के माध्यम से कश्मीरियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए लोगों के मन में हमेशा जीवित रहेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस
श्रीनगर के टैगोर हॉल में आयोजित एक समारोह के दौरान कश्मीर के प्रख्यात कवि गुलाम अहमद महजूर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जम्मू-कश्मीर महजूर फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कश्मीरी कवियों, साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया और महजूर के जीवन और उनकी कविताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान महजूर की प्रसिद्ध कविताओं का पाठ किया गया और एक पत्रिका का भी विमोचन किया गया। इस दौरान प्रभासाक्षी से बात करते हुए कार्यक्रम के आयोजक ने कश्मीर भाषा को समृद्ध बनाने में महजूर की कविताओं के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि महजूर के योगदान ने न केवल कश्मीरी भाषा को समृद्ध किया, बल्कि यह कश्मीरी संस्कृति की तस्वीर भी दर्शाता है।
हम आपको यह भी बता दें कि महजूर को जनता का कवि करार देते हुए वक्ताओं ने कहा कि महजूर अपनी क्रांतिकारी कविताओं के माध्यम से कश्मीरियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए लोगों के मन में हमेशा जीवित रहेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।