भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए सामाजिक समरसता जरूरी : आरएसएस पदाधिकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने शुक्रवार को देश में सामाजिक सद्भाव की वकालत की और कहा कि भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए यह आवश्यक है। हिंदी में लिखी गई पुस्तक ‘भारतीय मुसलमान: एकता का आधार’ के विमोचन के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस संपर्क प्रमुख राम लाल ने कहा कि अतीत में समाज में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच ‘‘भ्रम और झगड़ा’’ पैदा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब एक ‘‘अच्छा माहौल’’ बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत को विश्वगुरु बनाना है। दुनिया को लगता है कि ये 10 साल में हो जाएगा। ऐसा जरूर हो सकता है, लेकिन इसके लिए भारत को नेतृत्व करने में सक्षम बनना होगा जिसके लिए मुझे और आपको प्रयास करने होंगे।’’ आरएसएस पदाधिकारी ने कहा, ‘‘हमें एक रुख अपनाना होगा। अपने समाज और देश को बेहतर बनाने के लिए हमें सभी को एक साथ लाना होगा।’’ राम लाल ने कहा कि ऐसा प्रयास अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान किया गया था जब 22 जनवरी को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया ग

भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए सामाजिक समरसता जरूरी : आरएसएस पदाधिकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने शुक्रवार को देश में सामाजिक सद्भाव की वकालत की और कहा कि भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए यह आवश्यक है।

हिंदी में लिखी गई पुस्तक ‘भारतीय मुसलमान: एकता का आधार’ के विमोचन के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस संपर्क प्रमुख राम लाल ने कहा कि अतीत में समाज में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच ‘‘भ्रम और झगड़ा’’ पैदा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब एक ‘‘अच्छा माहौल’’ बन रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत को विश्वगुरु बनाना है। दुनिया को लगता है कि ये 10 साल में हो जाएगा। ऐसा जरूर हो सकता है, लेकिन इसके लिए भारत को नेतृत्व करने में सक्षम बनना होगा जिसके लिए मुझे और आपको प्रयास करने होंगे।’’

आरएसएस पदाधिकारी ने कहा, ‘‘हमें एक रुख अपनाना होगा। अपने समाज और देश को बेहतर बनाने के लिए हमें सभी को एक साथ लाना होगा।’’ राम लाल ने कहा कि ऐसा प्रयास अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान किया गया था जब 22 जनवरी को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था।

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