Sitharaman ने बेंगलुरु में जल संकट पर चिंता जतायी, सिद्धरमैया सरकार पर निशाना साधा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बेंगलुरु में जल संकट को लेकर राज्य की सिद्धरमैया सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले साल कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद कई सिंचाई तथा जल संबंधी परियोजनाओं व पहलों को रोक दिया। उन्होंने राज्य में कथित तौर पर बिगड़ती कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक और दुखद है कि शहर जल संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है। सीतारमण ने कहा, ‘‘केवल पानी उपलब्ध न होना ही एक समस्या नहीं है। कल से शहर में दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हैजा फैलने को लेकर आ रही खबरें भी बहुत चिंताजनक हैं...यह चिंता की बात है लेकिन मुझे लगता है यह इसलिए है कि लोगों के पास पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं, दूषित पानी भी लोगों तक पहुंच रहा है और इसके परिणामस्वरूप उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जाते हैं तो इसका अप्रत्यक्ष समर्थन होता है...यह बहुत बड़ा संकेत है कि यह ठीक है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बेंगलुरु में जल संकट को लेकर राज्य की सिद्धरमैया सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले साल कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद कई सिंचाई तथा जल संबंधी परियोजनाओं व पहलों को रोक दिया। उन्होंने राज्य में कथित तौर पर बिगड़ती कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक और दुखद है कि शहर जल संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है। सीतारमण ने कहा, ‘‘केवल पानी उपलब्ध न होना ही एक समस्या नहीं है। कल से शहर में दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हैजा फैलने को लेकर आ रही खबरें भी बहुत चिंताजनक हैं...यह चिंता की बात है लेकिन मुझे लगता है यह इसलिए है कि लोगों के पास पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं, दूषित पानी भी लोगों तक पहुंच रहा है और इसके परिणामस्वरूप उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जाते हैं तो इसका अप्रत्यक्ष समर्थन होता है...यह बहुत बड़ा संकेत है कि यह ठीक है, हम कुछ भी कर सकते हैं और बच सकते हैं।’’
सूखा राहत निधि में देरी के बारे में एक सवाल पर सीतारमण ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने अक्टूबर में ज्ञापन सौंपा और अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल यहां आया था और निरीक्षण किया था। केंद्र का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि सूखा राहत निधि कुछ प्रक्रियाओं के तहत जारी की जाती है और इसमें वक्त लगा था।
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