Omar Abdullah नहीं होंगे जम्मू कश्मीर के CM? पिता फारूक के ऐलान के बाद अब नई सरकार के गठन के बारे में क्या कहा
धारा 370 के खात्मे के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री की ताजपोशी की प्रक्रिया के लिए नव-निर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) विधायक गुरुवार को मिलेंगे। नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने नेकां-कांग्रेस गठबंधन को 90 में से 49 सीटों पर जीत दिलाने के एक दिन बाद कहा कि गठबंधन के नेता समर्थन पत्र लेकर जाएंगे। राजभवन में दावा पेश किया जाएगा और एलजी (लेफ्टिनेंट गवर्नर) से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने का अनुरोध करेंगे। अब्दुल्ला ने कहा कि वो चाहेंगे कि प्रक्रिया जल्द से जल्द समाप्त हो क्योंकि यह क्षेत्र 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना है। समय आ गया है कि हम काम पर वापस आ जाएं। इसे भी पढ़ें: CM पद संभालने से पहले ही उमर अब्दुल्ला ने दिखाए अपने तेवर, LG सिन्हा को दे दी ये सलाहउमर अब्दुल्ला ने अपने पिता फारूक अब्दुल्ला के बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि फारूक अब्दुल्ला ही मुख्यमंत्री होंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। लेकिन यह निर्णय विधायकों को करना है। यह गठबंधन का फैसला है। मैं अपने पिता से बहुत प्यार करता हूं और उन्होंने मुझे जो समर्थन दिया
धारा 370 के खात्मे के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री की ताजपोशी की प्रक्रिया के लिए नव-निर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) विधायक गुरुवार को मिलेंगे। नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने नेकां-कांग्रेस गठबंधन को 90 में से 49 सीटों पर जीत दिलाने के एक दिन बाद कहा कि गठबंधन के नेता समर्थन पत्र लेकर जाएंगे। राजभवन में दावा पेश किया जाएगा और एलजी (लेफ्टिनेंट गवर्नर) से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने का अनुरोध करेंगे। अब्दुल्ला ने कहा कि वो चाहेंगे कि प्रक्रिया जल्द से जल्द समाप्त हो क्योंकि यह क्षेत्र 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना है। समय आ गया है कि हम काम पर वापस आ जाएं।
उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता फारूक अब्दुल्ला के बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि फारूक अब्दुल्ला ही मुख्यमंत्री होंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। लेकिन यह निर्णय विधायकों को करना है। यह गठबंधन का फैसला है। मैं अपने पिता से बहुत प्यार करता हूं और उन्होंने मुझे जो समर्थन दिया, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं, लेकिन आखिरकार, कहने का अधिकार विधायकों का है और मैं हमेशा नियमों और किताब के अनुसार काम करने वालों में से हूं। यह वह प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाना है और यही किया जाएगा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगले कुछ दिनों में जो भी मुख्यमंत्री शपथ लेगा, उसकी विधायी और सरकार संबंधी प्राथमिकताएं होंगी। उन्होंने कहा कि आने वाली सरकार के लिए उनका सुझाव यह होगा कि कैबिनेट का पहला काम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए और मुख्यमंत्री को इसके साथ दिल्ली जाना चाहिए और देश के वरिष्ठ नेतृत्व को बुलाना चाहिए। उन्हें अपना वादा पूरा करना है।