भारत ने कर दिया एक और कमाल, राडार को धोखा देने में माहिर स्वदेशी ''निर्भय'' का सफल परीक्षण

लंबी दूरी की निर्भय क्रूज मिसाइल का गुरुवार को ओडिशा तट पर सफल परीक्षण किया गया। मिसाइल को स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज़ मिसाइल (आईटीसीएम) के रूप में भी जाना जाता है। ये एक स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली और माणिक टर्बोफैन इंजन से लैस है। मिसाइल को बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा ओडिशा के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से आयोजित किया गया था। इस सफल उड़ान परीक्षण ने गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई), बेंगलुरु द्वारा विकसित स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया।इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive Interview: किसी बड़े पद पर मुस्लिम क्यों नहीं, हिंदू राष्ट्र की आवधारणा में अल्पसंख्यकों की जगह? संघ और मुसलमानों को करीब लाने वाले शख्स से विशेष बातचीतपरीक्षण के दौरान हथियार की सभी उप प्रणालियों ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए आईटीआर द

भारत ने कर दिया एक और कमाल, राडार को धोखा देने में माहिर स्वदेशी ''निर्भय'' का सफल परीक्षण
लंबी दूरी की निर्भय क्रूज मिसाइल का गुरुवार को ओडिशा तट पर सफल परीक्षण किया गया। मिसाइल को स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज़ मिसाइल (आईटीसीएम) के रूप में भी जाना जाता है। ये एक स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली और माणिक टर्बोफैन इंजन से लैस है। मिसाइल को बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा ओडिशा के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से आयोजित किया गया था। इस सफल उड़ान परीक्षण ने गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई), बेंगलुरु द्वारा विकसित स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया।

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परीक्षण के दौरान हथियार की सभी उप प्रणालियों ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए आईटीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर द्वारा की गई थी। मिसाइल ने वेपॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके वांछित पथ का अनुसरण किया और बहुत कम ऊंचाई वाली समुद्री-स्किमिंग उड़ान का प्रदर्शन किया। मिसाइल की उड़ान की निगरानी IAF Su-30-Mk-I विमान द्वारा भी की गई।

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बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है। सुपरसोनिक हथियार को बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और स्वदेशी उद्योगों के योगदान से विकसित किया गया है।

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