China Border जैसा अब कुछ नहीं रह जाएगा? सिक्किम सांसद ने सरकार को सुझाया वो रास्ता, ऐसे तो समाप्त ही हो जाएगा ड्रैगन का प्रभाव
सिक्किम के सांसद दोरजी शेरिंग लेप्चा ने केंद्र सरकार से 'चाइना बॉर्डर' शब्द पर पुनर्विचार करने और इसके बजाय 'तिब्बत सीमा' का उपयोग करने का सुझाव दिया। राज्यसभा में बोलते हुए लेप्चा ने तर्क दिया कि लेह, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश से सिक्किम तक 1,400 किलोमीटर की दूरी चीन के बजाय तिब्बत से लगती है। उन्होंने भारत सरकार और भारतीय सेना और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सहित सैन्य एजेंसियों से इस अंतर को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह चीन की सीमा नहीं है, ये तिब्बत बॉर्डर है। इसे भी पढ़ें: China को लेकर क्या बदल गया है मोदी सरकार का रुख? FDI को लेकर पीयूष गोयल ने क्या कहालेप्चा ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास में असमानता है। उन्होंने बताया कि जहां चीन ने अपनी तरफ गांवों और बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, वहीं भारतीय हिस्से में मुख्य रूप से प्रतिबंधित पहुंच वाले आरक्षित वन और वन्यजीव अभयारण्य हैं। लेप्चा ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के पास, चीन ने गांवों का निर्माण किया है, जबकि भारत ने उनका उपयोग आरक्षित वनों और वन्यजीव अभयारण्यों के लिए किया

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#Sikkim से #BJP के #RajyaSabha सांसद श्री #DorjeeTsheringLepcha ने बहुत उत्तम सुझाव देते हुए कहा है कि राज्य से लगती सीमा को #चीन सीमा की बजाय #तिब्बत सीमा कह कर पुकारा जाना चाहिए।
— Neeraj Kumar Dubey (@neerajdubey) July 31, 2024
भारत सरकार को इस सुझाव को तत्काल स्वीकार कर लेना चाहिए।@narendramodi @AmitShah @rajnathsingh… pic.twitter.com/da7hWoIQfx
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