शिवसेना कार्यकर्ता मेरे वाघ-नख , मुझे अब्दाली से कोई डर नहीं: उद्धव

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार शाम को कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनके ‘वाघ-नख’ हैं और वह “अब्दाली” से नहीं डरते थे। इससे पहले जब ठाकरे यहां गडकरी रंगायतन सभागार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक के लिए पहुंचे तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके काफिले पर टमाटर और गोबर फेंका। हाल ही में उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेता अमित शाह को “अहमद शाह अब्दाली” करार दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने ठाकरे पर “औरंगजेब फैन क्लब” का प्रमुख होने का आरोप लगाया था। कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, “मेरे शिवसैनिक मेरे ‘वाघ-नख’ हैं, मुझे अब्दाली से कोई डर नहीं है।” ‘वाघ-नख’ या बाघ-पंजा एक हाथ से पकड़ा जाने वाला हथियार है। कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था। यह हथियार वर्तमान में सतारा के एक संग्रहालय में रखा गया है।

शिवसेना कार्यकर्ता मेरे  वाघ-नख , मुझे  अब्दाली  से कोई डर नहीं: उद्धव

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार शाम को कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनके ‘वाघ-नख’ हैं और वह “अब्दाली” से नहीं डरते थे।

इससे पहले जब ठाकरे यहां गडकरी रंगायतन सभागार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक के लिए पहुंचे तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके काफिले पर टमाटर और गोबर फेंका।

हाल ही में उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेता अमित शाह को “अहमद शाह अब्दाली” करार दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने ठाकरे पर “औरंगजेब फैन क्लब” का प्रमुख होने का आरोप लगाया था। कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, “मेरे शिवसैनिक मेरे ‘वाघ-नख’ हैं, मुझे अब्दाली से कोई डर नहीं है।”

‘वाघ-नख’ या बाघ-पंजा एक हाथ से पकड़ा जाने वाला हथियार है। कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था। यह हथियार वर्तमान में सतारा के एक संग्रहालय में रखा गया है।

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