विजयन ने भूस्खलन पर वैज्ञानिक टिप्पणियों को रोकने वाले विवादास्पद नोट को वापस लेने का आदेश दिया

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव वी. वेणु को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा जारी उस विवादास्पद नोट को वापस लेने का निर्देश दिया जिसमें वायनाड में हाल में हुए घातक भूस्खलन के संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को मीडिया के साथ राय और अध्ययन साझा करने करने से कथित तौर पर रोक दिया गया था। विजयन ने बृहस्पतिवार रात एक बयान में कहा कि यह खबर भ्रामक है कि एसडीएमए ने वैज्ञानिक संस्थानों और वैज्ञानिकों को वायनाड में आपदा प्रभावित मेप्पाडीका दौरा नहीं करने और अपनी राय व्यक्त नहीं करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार की ऐसी कोई नीति नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य सचिव को तुरंत हस्तक्षेप करने और ऐसा संदेश देने वाले नोट को वापस लेने का निर्देश दिया गया है।’’ इससे पहले, वैज्ञानिक समुदाय ने राज्य राहत आयुक्त और प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन टिंकू बिस्वाल द्वारा तैयार किए गए नोट का कड़ा विरोध किया था, जिसमें राज्य के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को वायनाड में मेप्पडी का दौरा नहीं करने का निर्देश दिया गया था जहां

विजयन ने भूस्खलन पर वैज्ञानिक टिप्पणियों को रोकने वाले विवादास्पद नोट को वापस लेने का आदेश दिया

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव वी. वेणु को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा जारी उस विवादास्पद नोट को वापस लेने का निर्देश दिया जिसमें वायनाड में हाल में हुए घातक भूस्खलन के संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को मीडिया के साथ राय और अध्ययन साझा करने करने से कथित तौर पर रोक दिया गया था।

विजयन ने बृहस्पतिवार रात एक बयान में कहा कि यह खबर भ्रामक है कि एसडीएमए ने वैज्ञानिक संस्थानों और वैज्ञानिकों को वायनाड में आपदा प्रभावित मेप्पाडीका दौरा नहीं करने और अपनी राय व्यक्त नहीं करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार की ऐसी कोई नीति नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य सचिव को तुरंत हस्तक्षेप करने और ऐसा संदेश देने वाले नोट को वापस लेने का निर्देश दिया गया है।’’ इससे पहले, वैज्ञानिक समुदाय ने राज्य राहत आयुक्त और प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन टिंकू बिस्वाल द्वारा तैयार किए गए नोट का कड़ा विरोध किया था, जिसमें राज्य के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को वायनाड में मेप्पडी का दौरा नहीं करने का निर्देश दिया गया था जहां विनाशकारी भूस्खलन में अनेक लोग मारे गए हैं। नोट में कथित तौर पर कहा गया था कि वैज्ञानिक समुदाय को मीडिया के साथ अपनी राय और अध्ययन रिपोर्ट साझा करने से खुद को रोकना चाहिए।

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