प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वस्त नेताओं में शुमार पीयूष गोयल इस बार मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट से संसद भवन में पहुँचे हैं। मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकालों में गोयल की कई मंत्रालय संभाल चुके हैं। एनडीए की सरकार के तीसरे कार्यकाल में उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्री बनाया गया है। सरकार के पिछले शासनकाल में वे राज्यसभा के सदस्य के रूप में कैबिनेट मंत्री बने थे। पीयूष गोयल का जन्म 13 जून 1964 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनके पिता वेद प्रकाश गोयल केन्द्रीय नौवहन मंत्री थे तथा दो दशकों से अधिक भाजपा के राष्ट्रीय ,कोषाध्यक्ष थे। उनकी माता चंद्रकांता गोयल मुबंई से महाराष्ट्र विधान सभा के लिए तीन बार चुनी गई थीं।
गोयल का शानदार शैक्षणिक रिकार्ड रहा है, वे अखिल भारत में दूसरे रैंक धारित चार्टड अकाउंटेंट तथा मुबंई विश्वविद्यालय में लॉ में दूसरे रैंक धारक हैं। वे प्रख्यात निवेश बैंकर थे तथा प्रबंधन कार्यनीति एवं विकास पर प्रमुख कारपोरेटों को परामर्श दिया है। उन्होंने भारत के सबसे बडे वाणिज्यिक बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और बैंक आफ बडौदा के बोर्ड में भी कार्य किया। उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2002 में नदियों की इंटरलिंकिग के लिए कार्य बल में भी नामित किया गया था। अपने 35 वर्ष के लंबे राजनीतिक कैरियर के दौरान, गोयल ने विश्व की सबसे बडी राजनीतिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में विभिन्न स्तरों पर कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हैं। वे पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे हैं।
वर्ष 2019 के भारतीय लोकसभा के आम चुनावों में वह मेनिफेस्टों और प्रचार समितियों के सदस्य थे। उन्होंने भारतीय लोकसभा के वर्ष 2014 आम चुनाव में भाजपा की सूचना संचार अभियान समिति का भी नेतृत्व किया। वे भारतीय संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) के सदस्य रहे हैं तथा पूर्व (2017 – 19) में रेलवे एवं कोयला मंत्री थे। उनके पास दो बार वर्ष 2018 और 2019 में वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी था। पूर्व में वे विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (2014 -2017) और खान (2016 -17) में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।
गोयल के कार्यकाल में भारतीय रेलवे ने वर्ष 2018 -19 में अब तक का सर्वोत्तम सुरक्षा रिकार्ड प्राप्त किया। इस रिकार्ड को सर्वांगीण उपायों जैसे बडी लाइन (बाड गेज) नेटवर्क से मानव रहित लेवल क्रांसिंग (यूएमएलसी) को हटाना, सुरक्षित कोचों का उत्पादन आदि के माध्यम से प्राप्त किया गया। इसके अतिरिक्त, उनके कार्यकाल में दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली प्रथम स्वदेशी अर्ध उच्च गति रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ हुआ।
विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों में भारत के विद्युत क्षेत्र में रूपांतरकारी परिवर्तन का संचालन हुआ जिसमें देश के कुछ सबसे दूरस्थ और अगम्य लगभग 18,000 बिजली रहित गांवों के विद्युतीकरण की फास्ट ट्रैकिंग, अब तक के सबसे व्यापक बिजली क्षेत्र सुधार (उदय) को आरंभ करना, ऊर्जा दक्षता के लिए विश्व के सबसे बडे एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम (उजाला) की सफलता और विश्व के सबसे बडे नवीकरणीय उर्जा विस्तार कार्यक्रम के माध्य से नवीकरणीय उर्जा का व्यापक प्रसार शामिल है। अन्य उपलब्धियों में भारत उर्जा सुरक्षा में सुधार करने के लिए कोयले की कमी को दूर करना तथा कोयला ब्लॉकों की पारदर्शी ई बोली का सफलतापूर्वक आयोजन कराना शामिल है । भारत के उर्जा क्षेत्र में पथ प्रदर्शक परिवर्तनों के लिए उन्होंने वर्ष 2018 में चौथा वार्षिक कार्नो पुरस्कार भी प्राप्त किया।