महाराष्ट्र चुनाव से पहले BJP में मचेगी खलबली, शरद पवार गुट के नेता कर दिया बड़ा दावा
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी-एससीपी नेता, अनिल देशमुख ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता उनकी पार्टी के संपर्क में हैं और उनके पक्ष में शामिल होना चाह रहे हैं क्योंकि वे राज्य में मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके से असंतुष्ट हैं। देशमुख ने कहा कि महायुति गठबंधन उतना मजबूत नहीं है जितना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता हमारे पक्ष में आना चाह रहे हैं क्योंकि वे महाराष्ट्र में बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और किसानों के संकट जैसे मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके से असंतुष्ट हैं। इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र में अगले दो महीने में सरकार बदलने तक शांत नहीं बैठेंगे : शरद पवारअनिल देशमुख ने यह भी कहा कि अजित पवार, एकनाथ शिंदे और बीजेपी के बीच गठबंधन उतना मजबूत नहीं है जितना होना चाहिए, और अगर ऐसा जारी रहा तो बीजेपी को एनसीपी और शिवसेना से अलग चुनाव लड़ना पड़ सकता है। इसके अलावा, कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर निशाना साधते हुए, अनिल देशमुख ने कहा कि इस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, वह विपक्षी दलो
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी-एससीपी नेता, अनिल देशमुख ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता उनकी पार्टी के संपर्क में हैं और उनके पक्ष में शामिल होना चाह रहे हैं क्योंकि वे राज्य में मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके से असंतुष्ट हैं। देशमुख ने कहा कि महायुति गठबंधन उतना मजबूत नहीं है जितना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता हमारे पक्ष में आना चाह रहे हैं क्योंकि वे महाराष्ट्र में बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और किसानों के संकट जैसे मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके से असंतुष्ट हैं।
अनिल देशमुख ने यह भी कहा कि अजित पवार, एकनाथ शिंदे और बीजेपी के बीच गठबंधन उतना मजबूत नहीं है जितना होना चाहिए, और अगर ऐसा जारी रहा तो बीजेपी को एनसीपी और शिवसेना से अलग चुनाव लड़ना पड़ सकता है। इसके अलावा, कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर निशाना साधते हुए, अनिल देशमुख ने कहा कि इस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, वह विपक्षी दलों को तोड़ने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी बदलापुर जैसी कोई घटना होती है तो लोगों में आक्रोश होता है कि दोषी को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। आज कानून में सज़ा का कोई प्रावधान नहीं है। उसके लिए जब मैं गृह मंत्री था तो हमने 'शक्ति कानून' बनाया था। इसके तहत हमने ऐसी घटनाओं पर 24 घंटे के अंदर सजा का प्रावधान किया था। उस समय हमने इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाई, विधानसभा और विधान परिषद से पारित कराया और अंत में केंद्र सरकार को भेजा। लेकिन हमारा ये कानून तीन साल से वहीं पड़ा हुआ है।