धार्मिक चिह्न, मेकअप या डियोड्रेंट का उपयोग नहीं कर सकते हैं सेना के जवान, वर्दी पहनने के लिए हैं बेहद सख्त नियम
भारतीय सेना में जाने वाले जवानों को कई नियमों का पालन करना होता है। इसी के तहत सेना के जवान कपड़े पहनने यानी वर्दी पहनने में भी कड़े नियमों से बंधे होते है। यानी वर्दी पहनने में वो किसी तरह की मर्जी नहीं चला सकते है। सेना के जवानों को वर्दी पहनने के दौरान भी नियमों का पालन करना होता है। इसमें जरा भी छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाता है। इस वर्दी की शान को देखते हुए इसे धारण करने के भी कड़े नियम बनाए गए है।एक सैनिक, एक अफसर को सभी नियमों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही वर्दी पहननी होती है। बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुई थी जिसमें सेना के जवानों ने धार्मिक प्रतीक दिखाए थे। इस दौरान जवान वर्दी में दिखाई दिए थे। इस मामले पर विवाद काफी बढ़ गया था। विवाद बढ़ने पर सेना का कहना है कि वर्दी पहनने के दौरान किसी धार्मिक प्रतिक को नहीं दिखाया जा सकता है। वर्दी पहनने को लेकर भी सेना की रूलबुक में नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत ही वर्दी पहनने का तरीका तय किया जाता है।सेना के नियमों की मानें तो वर्दी के साथ जवान किसी अनाधिकृत आभूषण या एमबलम को नहीं पहन सकते है। सिर्फ एक स

भारतीय सेना में जाने वाले जवानों को कई नियमों का पालन करना होता है। इसी के तहत सेना के जवान कपड़े पहनने यानी वर्दी पहनने में भी कड़े नियमों से बंधे होते है। यानी वर्दी पहनने में वो किसी तरह की मर्जी नहीं चला सकते है। सेना के जवानों को वर्दी पहनने के दौरान भी नियमों का पालन करना होता है। इसमें जरा भी छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाता है। इस वर्दी की शान को देखते हुए इसे धारण करने के भी कड़े नियम बनाए गए है।
एक सैनिक, एक अफसर को सभी नियमों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही वर्दी पहननी होती है। बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुई थी जिसमें सेना के जवानों ने धार्मिक प्रतीक दिखाए थे। इस दौरान जवान वर्दी में दिखाई दिए थे। इस मामले पर विवाद काफी बढ़ गया था। विवाद बढ़ने पर सेना का कहना है कि वर्दी पहनने के दौरान किसी धार्मिक प्रतिक को नहीं दिखाया जा सकता है। वर्दी पहनने को लेकर भी सेना की रूलबुक में नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत ही वर्दी पहनने का तरीका तय किया जाता है।
सेना के नियमों की मानें तो वर्दी के साथ जवान किसी अनाधिकृत आभूषण या एमबलम को नहीं पहन सकते है। सिर्फ एक सिगनेट रिंग उंगली में पहनी जा सकती है। घड़ी की चेन भी अगर पहनी जाए तो वो यूनिफॉर्म के साथ दिखाई नहीं देनी चाहिए। जवान हाथ, गर्दन में किसी तरह का धार्मिक धागा भी नहीं पहन सकते है। अगर किसी ने कोई धागा पहना है तो वो यूनिफॉर्म में दिखना नहीं चाहिए, यानी जवान को ऐसी चीजों को यूनिफॉर्म में ढककर रखना होगा।
महिलाएं के लिए ऐसे हैं नियम
सेना में महिलाओं के लिए वर्दी पहनने के नियम तय किए गए है। महिलाओं को सिंगल धागे वाला कलावा पूजा वाले दिन पहनने की अनुमति होती है। अधिक धागों से युक्त कलावा पहनने की अनुमति जवानों को नहीं दी जाती है। महिला जवानों को लेकर भी नियम काफी सख्त है। महिलाएं गले में मंगलसूत्र पहन सकती है। इस मंगलसूत्र को महिलाओं को यूनिफॉर्म में छिपाना होता है। महिलाएं किसी तरह का मेकअप नहीं कर सकती है। यहां तक की विवाहित महिला जवानों को बिंदी लगाने की इजाजत नहीं होती है। सिंदूर भी तभी लगाया जाता है जब वो महिलाओं की टोपी के नीचे छिप जाए। वर्दी के साथ महिला जवान सिर्फ एक छोटा पेयर ईयर रिंग का पहन सकती है, जिसका साइज पांच मिम से अधिक का नहीं होना चाहिए।
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