दिल्ली की अदालत ने किशोर को लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया
दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में 10 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में एक किशोर को दोषी करार देते हुए कहा है कि पीड़िता की गवाही सुसंगत व विश्वसनीय है और आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर कानून के साथ संघर्ष में बच्चा (सीसीएल) के एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें नाबालिग आरोपी पर एक लड़की का अपहरण करने तथा उसे अपने घर के एक कमरे में बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने अदालत को बताया कि सीसीएल ने पीड़िता को धमकाया भी था। अदालत ने मंगलवार को सुनाए गए अपने फैसले में कहा, मौजूदा मामले में पीड़िता की स्पष्ट, सुसंगत व विश्वसनीय गवाही के माध्यम से अभियोजन पक्ष ने सीसीएल पर लगे आरोप साबित कर दिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि यदि पीड़िता की गवाही स्पष्ट, ठोस व विश्वसनीय है, तो अकेली गवाही ही अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त है। सजा पर जिरह किसी और दिन होगी।

दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में 10 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में एक किशोर को दोषी करार देते हुए कहा है कि पीड़िता की गवाही सुसंगत व विश्वसनीय है और आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर कानून के साथ संघर्ष में बच्चा (सीसीएल) के एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें नाबालिग आरोपी पर एक लड़की का अपहरण करने तथा उसे अपने घर के एक कमरे में बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने अदालत को बताया कि सीसीएल ने पीड़िता को धमकाया भी था। अदालत ने मंगलवार को सुनाए गए अपने फैसले में कहा, मौजूदा मामले में पीड़िता की स्पष्ट, सुसंगत व विश्वसनीय गवाही के माध्यम से अभियोजन पक्ष ने सीसीएल पर लगे आरोप साबित कर दिए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि यदि पीड़िता की गवाही स्पष्ट, ठोस व विश्वसनीय है, तो अकेली गवाही ही अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त है। सजा पर जिरह किसी और दिन होगी।
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