आरबीआई ने 2024-27 के लिए दक्षेस मुद्रा अदला-बदली रूपरेखा पेश की

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) देशों के लिए भारतीय रुपये में अदला-बदली (स्वैप) के लिए विभिन्न रियायतों के साथ 25,000 करोड़ रुपये की अलग रुपया अदला-बदली सुविधा पेश की। केंद्रीय बैंक ने 2024-27 के लिए दक्षेस मुद्रा अदला-बदली रूपरेखा की घोषणा करते हुए कहा कि आरबीआई दो अरब डॉलर के समग्र कोष के साथ एक अलग अमेरिकी डॉलर/यूरो स्वैप सुविधा के तहत डॉलर और यूरो में अदला-बदली व्यवस्था की पेशकश जारी रखेगा। आरबीआई ने कहा, “भारतीय रुपये में अदला-बदली को 2024-27 के लिए रूपरेखा के तहत विभिन्न रियायतों के साथ एक अलग रुपया अदला-बदली सुविधा शुरू की गई है। रुपया समर्थन का कुल कोष 250 अरब रुपये है।” मुद्रा विनिमय सुविधा सभी दक्षेस सदस्य देशों को उपलब्ध होगी, बशर्ते वे द्विपक्षीय अदला-बदली समझौतों पर हस्ताक्षर करें। आरबीआई ने केंद्र सरकार की सहमति से 2024-27 की अवधि के लिए दक्षेस देशों के लिए मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था पर एक संशोधित रूपरेखा लागू करने का निर्णय लिया। आरबीआई ने कहा कि इस ढांचे के तहत वह उन दक्षेस देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ द

आरबीआई ने 2024-27 के लिए दक्षेस मुद्रा अदला-बदली रूपरेखा पेश की

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) देशों के लिए भारतीय रुपये में अदला-बदली (स्वैप) के लिए विभिन्न रियायतों के साथ 25,000 करोड़ रुपये की अलग रुपया अदला-बदली सुविधा पेश की।

केंद्रीय बैंक ने 2024-27 के लिए दक्षेस मुद्रा अदला-बदली रूपरेखा की घोषणा करते हुए कहा कि आरबीआई दो अरब डॉलर के समग्र कोष के साथ एक अलग अमेरिकी डॉलर/यूरो स्वैप सुविधा के तहत डॉलर और यूरो में अदला-बदली व्यवस्था की पेशकश जारी रखेगा।

आरबीआई ने कहा, “भारतीय रुपये में अदला-बदली को 2024-27 के लिए रूपरेखा के तहत विभिन्न रियायतों के साथ एक अलग रुपया अदला-बदली सुविधा शुरू की गई है। रुपया समर्थन का कुल कोष 250 अरब रुपये है।”

मुद्रा विनिमय सुविधा सभी दक्षेस सदस्य देशों को उपलब्ध होगी, बशर्ते वे द्विपक्षीय अदला-बदली समझौतों पर हस्ताक्षर करें। आरबीआई ने केंद्र सरकार की सहमति से 2024-27 की अवधि के लिए दक्षेस देशों के लिए मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था पर एक संशोधित रूपरेखा लागू करने का निर्णय लिया।

आरबीआई ने कहा कि इस ढांचे के तहत वह उन दक्षेस देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ द्विपक्षीय अदला-बदली समझौते करेगा, जो इसका लाभ उठाना चाहते हैं। दक्षेस में आठ सदस्य देश- अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।

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