आरक्षण संबंधी बयान को लेकर उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar ने Rahul Gandhi पर साधा निशाना
मुंबई, 15 सितंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण से संबंधित बयान को लेकर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी ‘‘संविधान विरोधी मानसिकता’’ को दर्शाती है। धनखड़ ने मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी मूल भावना को भूल गए हैं।उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का विदेशी धरती पर यह कहना कि आरक्षण समाप्त कर दिया जाना चाहिए, संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। यह वही पुरानी संविधान विरोधी मानसिकता है, बस इसकी जिम्मेदारी किसी और ने ले ली है।’’ इसे भी पढ़ें: Delhi Politics । इस्तीफा देने का ऐलान कर बुरे फंसे Kejriwal, कांग्रेस-बीजेपी ने लगा दी क्लास, AAP ने किया बचावउपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश और संविधान की आत्मा है। यह सकारात्मक है, नकारात्मक नहीं। यह किसी को अवसर से वंचित नहीं करता, बल्कि समाज को ताकत देने वाले स्तंभों को सहारा देता है।’’
मुंबई, 15 सितंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण से संबंधित बयान को लेकर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी ‘‘संविधान विरोधी मानसिकता’’ को दर्शाती है। धनखड़ ने मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी मूल भावना को भूल गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का विदेशी धरती पर यह कहना कि आरक्षण समाप्त कर दिया जाना चाहिए, संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। यह वही पुरानी संविधान विरोधी मानसिकता है, बस इसकी जिम्मेदारी किसी और ने ले ली है।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश और संविधान की आत्मा है। यह सकारात्मक है, नकारात्मक नहीं। यह किसी को अवसर से वंचित नहीं करता, बल्कि समाज को ताकत देने वाले स्तंभों को सहारा देता है।’’
हाल ही में अमेरिका की यात्रा के दौरान, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तभी सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे और फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।