अरोरा या उत्तरी रोशनी आसमान में छाई, Geomagnetic storm बन रहा बड़ा कारण

पृथ्वी की ओर एक बड़ा तूफान आ रहा है, जिसकी चेतावनी अमेरिका की एक प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसी ने दी है। ये एक भू-चुंबकीय यानी जियो मैग्नेटिक स्टॉर्म है, जिसकी चेतावनी जारी की गई है। इस चुंबकीय तूफान की खासियत है कि बीते 20 वर्षों में पहली बार ऐसा तूफान आ रहा है। ये तूफान पृथ्वी पर कई इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। इस तूफान के संबंध में अलर्ट ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने जारी किया है। इस अलर्ट के तहत कहा गया है कि अंतरिक्ष की बाहरी कक्षा में इस तूफान की जानकारी मिली है। ये तूफान एक शक्तिशाली सौर तूफान है। ये तूफान काफी गंभीर श्रेणी का बताया जा रहा है। जी4 जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म के तौर पर इसे पहचाना गया है। इस स्टॉर्म के कारण पावर ग्रिड, संचार नेटवर्क और सैटेलाइट समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भी जोखिम देखने को मिल सकता है।इस तूफान को लेकर अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि सौर तूफान की मदद से जीपीएस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलने में बाधित हो सकते है।  अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र के डिवीजन ने भी आठ मई से शुरू हुई सौर ज्वाला के सामने आन

पृथ्वी की ओर एक बड़ा तूफान आ रहा है, जिसकी चेतावनी अमेरिका की एक प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसी ने दी है। ये एक भू-चुंबकीय यानी जियो मैग्नेटिक स्टॉर्म है, जिसकी चेतावनी जारी की गई है। इस चुंबकीय तूफान की खासियत है कि बीते 20 वर्षों में पहली बार ऐसा तूफान आ रहा है। ये तूफान पृथ्वी पर कई इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है।
 
इस तूफान के संबंध में अलर्ट ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने जारी किया है। इस अलर्ट के तहत कहा गया है कि अंतरिक्ष की बाहरी कक्षा में इस तूफान की जानकारी मिली है। ये तूफान एक शक्तिशाली सौर तूफान है। ये तूफान काफी गंभीर श्रेणी का बताया जा रहा है। जी4 जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म के तौर पर इसे पहचाना गया है। इस स्टॉर्म के कारण पावर ग्रिड, संचार नेटवर्क और सैटेलाइट समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भी जोखिम देखने को मिल सकता है।
इस तूफान को लेकर अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि सौर तूफान की मदद से जीपीएस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलने में बाधित हो सकते है।
 
अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र के डिवीजन ने भी आठ मई से शुरू हुई सौर ज्वाला के सामने आने के बाद लगातार सूर्य की निगरानी हो रही है। अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र के एक बयान के अनुसार एक गंभीर भू चुंबकीय तूफान की चेतावनी जारी की गई है, जो कि अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं की तरफ से जारी हुआ है। केंद्र की तरफ से इस तूफान के लिए वॉर्निंग 10 मई तक के लिए जारी हुई है। वहीं इस भू-चुंबकीय तूफान की स्थिति आने वाले एक सप्ताह तक बनी रह सकती है, जिसके लिए सौर विस्फोट मुख्य कारण हो सकता है।
 
सूर्य से निकला तूफान
बता दें कि सूर्य से कई तूफान निकल रहे है। कई सौर ज्वालाएं और कोरोनल मास इजेक्शन लगातार आ रहे है, जिस कारण एजेंसियों ने सतर्क रहना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि सूर्य बेहद बड़ा है, जिसपर हजारों लाखों धब्बे बने हुए है। इन धब्बों से ही कई ज्वालाएं निकल रही है। इन ज्वालाओं की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि ये ज्वालाएं धरती की तरफ आ रही है। जो तूफान सूर्य से निकल रहा है, उसका खतरा ना हो इसलिए ये निगरानी हो रही है।
 
पृथ्वी पर होगा ऐसा असर
धरती यानी पृथ्वी की तरफ आ रहे इस भू-चुंबकीय तूफान के कारण कई परेशानियां होने की संभावना है। ये पृथ्वी की कक्षा और हमारे गृह की सतह के पास आएगा जिससे कई जोखिम हो सकते है। केंद्र द्वारा जारी की गई चेतावनी की मानें तो नेविगेशन, रेडियो और सैटेलाइट संचालन इससे प्रभावित हो सकता है। संभावित इंटरनेट आउटेज के संबंध में भी कई समस्याएं साझा की गई है।

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