भारतीय राजनेता विजय रूपाणी आज यानी की 02 अगस्त को 68वां जन्मदिन मना रहे हैं। विजय रूपाणी की गिनती भाजपा के ऐसे विश्वसनीय नेताओं में होती है, जिन्होंने पार्टी की विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा। वह छात्र जीवन से ही संघ से जुड़ गए थे। विजय रूपाणी संघ में एक्टिव रहते हैं, जिसके कारण समय के साथ उनका कद और पद दोनों ही बढ़ता गया। वह पहले विधायक बनें और फिर राज्य में मंत्री बनें। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर विजय रूपाणी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
बर्मा के रंगून में 02 अगस्त 1956 को विजय रूपाणी का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम मणिकलाल रूपाणी और मां का नाम मायाबेन था। बर्मा में राजनीतिक अस्थिरता के कारण रूपाणी का परिवार गुजरात के राजकोट आ गया था। उन्होंने शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद बीए और फिर एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
संघ से जुड़ाव
बता दें कि विजय रूपाणी एक बिजनेस परिवार से वास्ता रखते थे। लेकिन वह शुरूआत से ही राजनीति में दिलचस्पी रखते थे। इसलिए वह छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में छात्र कार्यकर्ता की रूप में शामिल हो गए। जिसके बाद वह संघ और जनसंघ में शामिल हुए। इसी दौरान उनका जुड़ाव भाजपा से हुआ। विजय रूपाणी भाजपा से जुड़कर उसी पार्टी के होकर रह गए। उन्होंने न कभी दल बदला और न कभी विचारधारा बदली।
राजनीतिक करियर के शुरूआत में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में छात्र कार्यकर्ता के रूप में जुड़े। फिर साल 1980 में रूपाणी भाजपा से जुड़ गए। सीएम बनने से पहले वह गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे, वह भाजपा के बेहद आक्रामक नेता हैं। साल 1987 में राजकोट से बतौर कॉरपोरेटर अपने करियर की शुरूआत की थी। जिसके बाद वह मेयर बनें। साल 2006 में वह गुजरात टुरिज़्म के प्रेसिडेंट बनें। इसी साल उनको पार्टी द्वारा राज्यसभा भेजा गया।
ऐसे बनें गुजरात के सीएम
साल 2014 में विजय रूपाणी ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और चुनाव में जीत हासिल की। आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्री रहने के दौरान विजय रूपाणी को मंत्री का पद मिला। इस दौरान उनको जल आपूर्ति, श्रम और रोजगार मंत्रालय और परिवहन की जिम्मेदारी दी गई थी। फिर 05 अगस्त 2016 को विजय रूपाणी को गुजरात का सीएम बनाया गया। रूपाणी गुजरात के 16वें सीएम बनें। लेकिन 11 सितंबर 2021 को उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।