Uttar Pradesh: हापुड़ में भीड़ हिंसा के छह वर्ष पुराने मामले में 10 आरोपियों को आजीवन कारावास
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की एक स्थानीय अदालत ने मॉब लिंचिंग (भीड़ हिंसा) के करीब छह वर्ष पुराने एक मामले में सभी 10 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक विजय चौहान ने मंगलवार को बताया कि अपर जिला सत्र न्यायाधीश श्वेता दीक्षित की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद भीड़ हिंसा से संबंधित मामले में 10 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 58-58 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जून 2018 में हापुड़ के धौलाना के गांव बझैड़ा निवासी कासिम (45) की गोहत्या के झूठे आरोप में भीड़ ने हत्या कर दी थी। समयदीन (62) पर भी जानलेवा हमला किया गया था, लेकिन वह बच गया। पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया था और विवेचना पूरी करने के बाद आरोपपत्र दाखिल किया। चौहान ने बताया कि इस मामले में मंगलवार को हापुड़ की अपर जिला सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) श्वेता दीक्षित ने सुनवाई के बाद 10 आरोपियों धौलाना के बझैड़ा निवासी राकेश, हरिओम, युधिष्ठिर, रिंकू, करनपाल, मनीष, ललित, सोनू, कप्त

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की एक स्थानीय अदालत ने मॉब लिंचिंग (भीड़ हिंसा) के करीब छह वर्ष पुराने एक मामले में सभी 10 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक विजय चौहान ने मंगलवार को बताया कि अपर जिला सत्र न्यायाधीश श्वेता दीक्षित की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद भीड़ हिंसा से संबंधित मामले में 10 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 58-58 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जून 2018 में हापुड़ के धौलाना के गांव बझैड़ा निवासी कासिम (45) की गोहत्या के झूठे आरोप में भीड़ ने हत्या कर दी थी। समयदीन (62) पर भी जानलेवा हमला किया गया था, लेकिन वह बच गया।
पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया था और विवेचना पूरी करने के बाद आरोपपत्र दाखिल किया। चौहान ने बताया कि इस मामले में मंगलवार को हापुड़ की अपर जिला सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) श्वेता दीक्षित ने सुनवाई के बाद 10 आरोपियों धौलाना के बझैड़ा निवासी राकेश, हरिओम, युधिष्ठिर, रिंकू, करनपाल, मनीष, ललित, सोनू, कप्तान और मांगेराम को आजीवन कारावास सजा सुनाई और सभी पर 58-58 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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