SG तुषार मेहता ने मांगी 3 महीने की इंटर्नशिप, अभिषेक मनु सिंघवी ने दिया मजेदार जवाब

सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया जब वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मजाकिया लहजे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अपने अधीन इंटर्नशिप करने की अनुमित देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ, राज्य की आवश्यक मंजूरी के बिना कई मामलों में केंद्रीय जांच बोर्ड (सीबीआई) की जांच के संबंध में केंद्र के खिलाफ पश्चिम बंगाल द्वारा दायर एक मूल मुकदमे पर सुनवाई कर रही थी। इसे भी पढ़ें: Mamata Banerjee को पहले से ही थी शिक्षक भर्ती घोटाले की जानकारी, TMC के पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने किया बड़ा दावाजस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हर किसी को डॉ. सिंघवी से सीखना चाहिए कि सभी अदालतों में बिल्कुल सही समय पर कैसे उपस्थित रहना है। एसजी मेहता ने कहा कि  मैं उनसे 3 महीने के लिए इंटर्न के रूप में लेने का अनुरोध कर रहा हूं ताकि मैं भी सीख सकूं। सिंघवी ने जवाब में कहा कि मैं एक अति योग्य प्रशिक्षु को शामिल नहीं कर सकता!इसे भी पढ़ें: केंद्र के नियंत्रण में नहीं है CBI, पश्चिम बंगाल मामले में सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने जानें क्या कहा?क्या है प

SG तुषार मेहता ने मांगी 3 महीने की इंटर्नशिप, अभिषेक मनु सिंघवी ने दिया मजेदार जवाब
सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया जब वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मजाकिया लहजे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अपने अधीन इंटर्नशिप करने की अनुमित देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ, राज्य की आवश्यक मंजूरी के बिना कई मामलों में केंद्रीय जांच बोर्ड (सीबीआई) की जांच के संबंध में केंद्र के खिलाफ पश्चिम बंगाल द्वारा दायर एक मूल मुकदमे पर सुनवाई कर रही थी। 

इसे भी पढ़ें: Mamata Banerjee को पहले से ही थी शिक्षक भर्ती घोटाले की जानकारी, TMC के पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने किया बड़ा दावा

जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हर किसी को डॉ. सिंघवी से सीखना चाहिए कि सभी अदालतों में बिल्कुल सही समय पर कैसे उपस्थित रहना है। एसजी मेहता ने कहा कि  मैं उनसे 3 महीने के लिए इंटर्न के रूप में लेने का अनुरोध कर रहा हूं ताकि मैं भी सीख सकूं। सिंघवी ने जवाब में कहा कि मैं एक अति योग्य प्रशिक्षु को शामिल नहीं कर सकता!

इसे भी पढ़ें: केंद्र के नियंत्रण में नहीं है CBI, पश्चिम बंगाल मामले में सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने जानें क्या कहा?

क्या है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 का इस्तेमाल करते हुए केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मूल मुकदमा दायर किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सीबीआई राज्य की आम सहमति के बिना जांच शुरू कर रही है और एफआईआर दर्ज कर रही है। अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या अधिक राज्यों के बीच विवादों पर सर्वोच्च न्यायालय को मूल अधिकार क्षेत्र प्रदान करता है। 16 नवंबर, 2018 को पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के भीतर जांच या छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई अपनी "सामान्य सहमति" रद्द कर दी।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0