जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला करने वाले आतंकवादियों को रसद मुहैया कराने के आरोप में एक ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार किया गया है। कार्यकर्ता को राजौरी से गिरफ्तार किया गया। माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर 9 जून को हुए हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए। हमले की जांच के सिलसिले में लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने बताया कि रियासी आतंकी हमले में एक को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। वह मास्टरमाइंड नहीं है लेकिन उसने हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस के मुताबिक, राजौरी के रहने वाले आरोपी हाकिम दीन पर हमले के लिए आतंकियों को रसद मुहैया कराने का संदेह है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया है। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संदिग्ध का स्केच जारी किया था और इसमें शामिल लोगों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा किये जाने के एक दिन बाद एनआईए को मामले की जांच सौंपने का यह निर्णय लिया गया। यह बैठक रियासी जिले में बस पर हुए आतंकी हमले और केंद्र शासित प्रदेश में कुछ अन्य आतंकी घटनाओं के मद्देनजर बुलाई गई थी। आतंकवादियों ने 11 जून को भद्रवाह के चट्टरगल्ला में राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की संयुक्त चौकी पर गोलीबारी की। 12 जून को डोडा जिले के गंडोह इलाके में एक तलाशी दल पर हमला किया गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 13 जून को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जहां उन्होंने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले सहित कई आतंकी घटनाओं के बाद अधिकारियों को आतंकवाद-रोधी क्षमताओं का पूरा उपयोग’’ करने का निर्देश दिया। शाह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है और हाल की घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद हिंसा के अत्यधिक संगठित कृत्यों से सिमट कर महज छद्म युद्ध में तब्दील हो गया है।