Ramadan 2024 । रमजान के पवित्र महीने में मुसलमान अदा करते हैं Taraweeh की नमाज, जानें इसके बारें में विस्तार से

रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है। 12 मार्च के दिन रमजान का चांद दिखाई दिया था, जिसके बाद पवित्र महीने की शुरुआत हुई थी। इस दौरान दुनियाभर के मुसलमान तरावीह की पहली नमाज अदा की थी। मुसलमान रमजान में पांच वक्त की नमाज अदा करते हैं। इसके अलावा इस दौरान तरावीह की नामज अदा करना भी उनके लिए जरुरी है। तरावीह एक विशेष प्रार्थना है, जो विशेषकर रमजान के महीने के दौरान मुसलमानों द्वारा अदा की जाती है। वैसे तो ये एक गैर-अनिवार्य प्रार्थना है, लेकिन मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्य रखती है। ऐसे में चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं-तरावीह की नमाज कब पढ़ी जाती है?तरावीह की नमाज़ ईशा (रात) की नमाज़ के बाद और वित्र की नमाज़ से पहले अदा की जाती है। आम तौर पर ईशा प्रार्थना के बाद मस्जिदों में इस नमाज का आयोजन किया जाता है, लेकिन लोग घर पर भी अदा कर सकते हैं। इसे भी पढ़ें: Ramadan 2024 । रमजान में रोजा रखने के दौरान कैसे रखें अपना ख्याल? विश्व स्वास्थ्य संगठन की इन गाइडलाइन्स से मिलेगी मददतरावीह की नमाज में कितनी रकअत होती हैं?तरावीह की नमाज में इकाइयाँ शामिल होती हैं, जिन

रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है। 12 मार्च के दिन रमजान का चांद दिखाई दिया था, जिसके बाद पवित्र महीने की शुरुआत हुई थी। इस दौरान दुनियाभर के मुसलमान तरावीह की पहली नमाज अदा की थी। मुसलमान रमजान में पांच वक्त की नमाज अदा करते हैं। इसके अलावा इस दौरान तरावीह की नामज अदा करना भी उनके लिए जरुरी है। तरावीह एक विशेष प्रार्थना है, जो विशेषकर रमजान के महीने के दौरान मुसलमानों द्वारा अदा की जाती है। वैसे तो ये एक गैर-अनिवार्य प्रार्थना है, लेकिन मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्य रखती है। ऐसे में चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं-

तरावीह की नमाज कब पढ़ी जाती है?

तरावीह की नमाज़ ईशा (रात) की नमाज़ के बाद और वित्र की नमाज़ से पहले अदा की जाती है। आम तौर पर ईशा प्रार्थना के बाद मस्जिदों में इस नमाज का आयोजन किया जाता है, लेकिन लोग घर पर भी अदा कर सकते हैं।
 

इसे भी पढ़ें: Ramadan 2024 । रमजान में रोजा रखने के दौरान कैसे रखें अपना ख्याल? विश्व स्वास्थ्य संगठन की इन गाइडलाइन्स से मिलेगी मदद


तरावीह की नमाज में कितनी रकअत होती हैं?

तरावीह की नमाज में इकाइयाँ शामिल होती हैं, जिन्हें रकअत के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक रकअत में कुरान की आयतों के पाठ के साथ-साथ खड़े होने (क़ियाम), झुकने (रुकु), साष्टांग प्रणाम (सुजुद), और बैठने (जलसा) की एक श्रृंखला शामिल होती है। रकअत की संख्या अलग-अलग हो सकती है। यह आमतौर पर दो रकअत के सेट में किया जाता है, जिसमें हर चार रकअत के बाद एक छोटा ब्रेक (विश्राम) और एक लंबा ब्रेक (विश्राम) होता है। परंपरागत रूप से, तरावीह की नमाज़ में 8, 12 या 20 रकअत शामिल होती हैं, हालांकि कुछ समुदाय अपनी परंपराओं के आधार पर अधिक या कम रकअत करने का विकल्प चुन सकते हैं।

तरावीह की नमाज अदा करने का सामुदायिक पहलू क्या है?

तरावीह की नमाज़ अक्सर मस्जिदों में सामूहिक रूप से की जाती है, जिससे मुसलमानों के बीच समुदाय और एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है। तरावीह के दौरान मस्जिद का माहौल शांतिपूर्ण होता है। कई मुसलमान रमजान के पूरे महीने नियमित रूप से तरावीह की नमाज अदा करने मस्जिदों में आते हैं।
 

इसे भी पढ़ें: Ramadan 2024 । सहरी और इफ्तार के दौरान सही पोषण लेना जरुरी, जाने रोजे के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं?


तरावीह की नमाज अदा करने का क्या आध्यात्मिक लाभ मिलता है?

मुसलमानों का मानना है कि रमजान के दौरान तरावीह की नमाज़ अदा करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है। तरावीह की नमाज़ को आमतौर पर चिंतन और अल्लाह से क्षमा मांगने के अवसर के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा तरावीह नमाज की शांत और ध्यानपूर्ण प्रकृति आत्म-चिंतन, पश्चाताप और अल्लाह के साथ किसी के संबंध को गहरा करने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करती है।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0