ऑपरेशन ‘Bluestar’ की बरसी पर पंजाब में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगे

अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ की 40वीं बरसी पर बृहस्पतिवार को कट्टरपंथी सिख संगठनों के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और पूर्व सांसद ध्यान सिंह मंड के गुट समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने, सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त में ये नारे लगाए। हाल ही में संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव हारने वाले मान भी इस दौरान मौजूद थे। कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के नेतृत्व में कुछ सिख युवा हाथों में खालिस्तानी झंडे और क्षतिग्रस्त अकाल तख्त की तस्वीरें लिये हुए नजर आए। इसके साथ ही, दल खालसा के कार्यकर्ताओं ने मारे गए चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की फोटो वाली तख्तियां हाथों में ली हुई थीं। पिछले साल कनाडा में निज्जर की हत्या कर दी गई थी। अकाल तख्त के नजदीक, सबसे पवित्र सिख तीर्थस्थल स्वर्ण मंदिर के परिसर में खालिस्तान समर्थक नारे सुनाई दिए। कुछ सिख युवाओं ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ लिखे बैनर और तख्तियां पकड़ी हुई थीं। ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ की बरसी पर आयोजित का

ऑपरेशन ‘Bluestar’ की बरसी पर पंजाब में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगे
अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ की 40वीं बरसी पर बृहस्पतिवार को कट्टरपंथी सिख संगठनों के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और पूर्व सांसद ध्यान सिंह मंड के गुट समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने, सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त में ये नारे लगाए। हाल ही में संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव हारने वाले मान भी इस दौरान मौजूद थे। कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के नेतृत्व में कुछ सिख युवा हाथों में खालिस्तानी झंडे और क्षतिग्रस्त अकाल तख्त की तस्वीरें लिये हुए नजर आए। 

इसके साथ ही, दल खालसा के कार्यकर्ताओं ने मारे गए चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की फोटो वाली तख्तियां हाथों में ली हुई थीं। पिछले साल कनाडा में निज्जर की हत्या कर दी गई थी। अकाल तख्त के नजदीक, सबसे पवित्र सिख तीर्थस्थल स्वर्ण मंदिर के परिसर में खालिस्तान समर्थक नारे सुनाई दिए। कुछ सिख युवाओं ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ लिखे बैनर और तख्तियां पकड़ी हुई थीं। ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए अमृतसर में सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। 

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख समुदाय के लिए अपने संदेश में कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा का उल्लेख करते हुए कहा कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव जीतने वाले दोनों सिखों को ‘बंदी सिंहों’ (सिख कैदी जिन्होंने जेल में सजा पूरी कर ली है) की रिहाई के लिए संसद में आवाज उठानी चाहिए। संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब और खालसा ने फरीदकोट लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। 
 

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अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि समय की जरूरत है कि सिख प्रचारक और विद्वान गांवों में जाकर सिख धर्म का प्रचार करें, युवाओं को समृद्ध सिख सिद्धांतों और इतिहास से अवगत कराएं और उन्हें अकाल तख्त के बैनर तले एकजुट करें। जत्थेदार ने ऐलान किया कि 1984 में ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के दौरान मारे गए भिंडरावाले और उसके समर्थक ‘शहीद’ थे। सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने गुरु ग्रंथ साहिब का गोलियों से छलनी पवित्र ‘सरूप’ प्रदर्शित किया। जून 1984 में सेना ने स्वर्ण मंदिर में छिपे हथियारबंद आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन के दौरान ही ‘सरूप’ को गोलियां लगी थीं।

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