Pushkar Dhami के लिए अपनी सीट खाली करने वाले चंपावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतौड़ी का निधन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 2022 में अपनी चंपावत सीट खाली करने वाले पूर्व विधायक कैलाश चंद्र गहतौड़ी का शुक्रवार को सुबह यहां निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। भाजपा सूत्रों ने बताया कि 55 वर्षीय गहतौड़ी ने यहां सरकारी दून अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह पीड़ादायक समाचार सुनकर वह स्तब्ध हैं और गहतौड़ी का जाना पार्टी संगठन और प्रदेश के साथ ही उनके स्वयं के लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। गहतौड़ी को अपना प्रिय मित्र और बड़ा भाई बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस कष्ट को शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूं।’’ धामी ने कहा कि गहतौड़ी ने अपना पूरा जीवन जनसेवा में खपा दिया और वह हमेशा एक आदर्श जनप्रतिनिधि के रूप में याद किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एक विधायक के रूप में चंपावत क्षेत्र के विकास की खातिर उनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।’’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे गहतौड़ी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2002 में चंपावत से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ा था। बाद में उन्होंने 2017 में भ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 2022 में अपनी चंपावत सीट खाली करने वाले पूर्व विधायक कैलाश चंद्र गहतौड़ी का शुक्रवार को सुबह यहां निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि 55 वर्षीय गहतौड़ी ने यहां सरकारी दून अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह पीड़ादायक समाचार सुनकर वह स्तब्ध हैं और गहतौड़ी का जाना पार्टी संगठन और प्रदेश के साथ ही उनके स्वयं के लिए एक व्यक्तिगत क्षति है।
गहतौड़ी को अपना प्रिय मित्र और बड़ा भाई बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस कष्ट को शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूं।’’ धामी ने कहा कि गहतौड़ी ने अपना पूरा जीवन जनसेवा में खपा दिया और वह हमेशा एक आदर्श जनप्रतिनिधि के रूप में याद किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘एक विधायक के रूप में चंपावत क्षेत्र के विकास की खातिर उनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।’’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे गहतौड़ी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2002 में चंपावत से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ा था।
बाद में उन्होंने 2017 में भाजपा के टिकट पर चंपावत से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2022 में वह दोबारा चंपावत से जीते। हांलांकि, मुख्यमंत्री के खटीमा से विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद उन्होंने अपनी चंपावत सीट उनके लिए छोड़ दी जहां से चुनाव लड़कर धामीविधानसभा पहुंचे। फिलहाल वह उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
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