Nawada Lok Sabha Seat पर किसकी होगी जीत, भूमिहार ही तय करेंगे उम्मीदवारों का भविष्य
104 मिलियन से अधिक लोगों और 38 जिलों वाला वर्तमान बिहार में 40 लोकसभा और 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। परिसीमन के बाद राज्य में छह लोकसभा सीटें गया, गोपालगंज, हाजीपुर, सासाराम, समस्तीपुत और जमुई अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गईं। इन्हीं में से एक सीट है नवादा। नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, जिसे निर्वाचन क्षेत्र संख्या 39 के रूप में पहचाना जाता है, में कुल 16,75,789 मतदाता हैं, जिनमें 7,88,739 महिलाएं और 8,87,050 पुरुष शामिल हैं। यह किसी विशिष्ट वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है। इस लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में बरबीघा, रजौली (एससी), हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर और वारसलीगंज शामिल हैं। इसे भी पढ़ें: महागठबंधन में शामिल हुए मुकेश सहनी, RJD ने दी 3 सीटें, तेजस्वी बोले- बिहार देगा चौंकाने वाला परिणामपिछले चार लोकसभा चुनावों में, बीजेपी ने तीन चुनावों में जीत हासिल की है, जिसमें 2014 का चुनाव भी शामिल है, जहां बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने राजद के राज बल्लब प्रसाद को 140000 से अधिक वोटों से हराया था। इस निर्वाचन क्षेत्र में राजद की एकमात्र जीत 2004 में हुई थी। 2019 में एलजेपी के चंदन सिंह व
104 मिलियन से अधिक लोगों और 38 जिलों वाला वर्तमान बिहार में 40 लोकसभा और 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। परिसीमन के बाद राज्य में छह लोकसभा सीटें गया, गोपालगंज, हाजीपुर, सासाराम, समस्तीपुत और जमुई अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गईं। इन्हीं में से एक सीट है नवादा। नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, जिसे निर्वाचन क्षेत्र संख्या 39 के रूप में पहचाना जाता है, में कुल 16,75,789 मतदाता हैं, जिनमें 7,88,739 महिलाएं और 8,87,050 पुरुष शामिल हैं। यह किसी विशिष्ट वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है। इस लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में बरबीघा, रजौली (एससी), हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर और वारसलीगंज शामिल हैं।
पिछले चार लोकसभा चुनावों में, बीजेपी ने तीन चुनावों में जीत हासिल की है, जिसमें 2014 का चुनाव भी शामिल है, जहां बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने राजद के राज बल्लब प्रसाद को 140000 से अधिक वोटों से हराया था। इस निर्वाचन क्षेत्र में राजद की एकमात्र जीत 2004 में हुई थी। 2019 में एलजेपी के चंदन सिंह विजयी हुए। जनसांख्यिकीय रूप से, नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शेखपुरा जिले के कुछ हिस्सों और पूरे नवादा जिले को कवर करता है, जो गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है। नवादा जिले की जनसंख्या 22,19,146 है, जिसमें 88.5 प्रतिशत हिंदू हैं। इसे पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम से भी लाभ मिलता है।
नवादा लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है। इस चुनाव में 9 प्रत्याशी मैदान में है। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल के बीच है। भाजपा ने अपने दिग्गज नेता सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर पर दांव लगाया है तो वहीं राजद ने यहां से अलग रणनीति अपनाते हुए श्रवण कुमार कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। भोजपुरी गायक गुंजन कुमार भी यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। विवेक ठाकुर को लेकर बाहरी होने का एक अलग चर्चा दिखाई दे रही है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नवादा में इस बार चुनाव की लड़ाई जबरदस्त तरीके से होने वाली है। इस सीट पर भूमिहारों का दबदबा रहा है। 2014 में सीट से गिरिराज सिंह ने चुनाव जीता था जबकि 2019 में लोजपा की टिकट पर चंदन सिंह ने जीत हासिल की थी।
1952 के बाद से यहां आठ बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, दो बार सीपीएम और एक बार राजद तथा एक बार निर्दलीय ने चुनाव जीता है। 1996 के बाद भाजपा की यहां चुनावी संभावनाएं मजबूत हुई और पार्टी ने चार चुनाव में अपना दबदबा कायम किया। भाजपा की ओर से 1996 में कामेश्वर पासवान ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 1999 में संजय पासवान ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2009 में भाजपा के भोला सिंह ने यहां से चुनाव जीता था। भोला सिंह, गिरिराज सिंह और चंदन सिंह तीनों भूमिहार समाज से आते हैं।