Nagpur विस्फोटक कारखाने में विस्फोट से मरने वालों की संख्या पहुंची आठ

महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक विस्फोटक कारखाने में हुए धमाके में एक और श्रमिक की निजी अस्पताल में मौत हो गई जिससे शनिवार को मरने वालों की संख्या आठ पहुंच गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। डांडे अस्पताल के निदेशक डॉ. पिनाक डांडे ने पीटीआई को बताया कि नागपुर शहर मे उपचार करा रही श्रद्धा वनराज पाटिल (22) की मौत हो गई। एक अन्य घायल श्रमिक प्रमोद चावरे का उपचार चल रहा है। इसके साथ ही बृहस्पतिवार को हुए विस्फोट में छह महिलाओं और दो पुरुषों समेत आठ श्रमिकों की मौत हो गई। विस्फोट बृहस्पतिवार की दोपहर करीब एक बजे शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर हिंगना पुलिस थाना क्षेत्र के धमना गांव स्थित कारखाने में हुआ। नौ घायलों को शहर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस के अनुसार विस्फोट के समय अधिकतर पीड़ित कारखाने की पैकेजिंग इकाई में कार्य कर रहे थे। पुलिस ने शुक्रवार को कारखाने के निदेशक जय शिवशंकर खेमका (49) और प्रबंधक सागर देशमुख को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें हिंगना के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हे जमानत दे दी। पुलिस ने बताया कि निदेशक और प्रब

Nagpur विस्फोटक कारखाने में विस्फोट से मरने वालों की संख्या पहुंची आठ

महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक विस्फोटक कारखाने में हुए धमाके में एक और श्रमिक की निजी अस्पताल में मौत हो गई जिससे शनिवार को मरने वालों की संख्या आठ पहुंच गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डांडे अस्पताल के निदेशक डॉ. पिनाक डांडे ने पीटीआई को बताया कि नागपुर शहर मे उपचार करा रही श्रद्धा वनराज पाटिल (22) की मौत हो गई। एक अन्य घायल श्रमिक प्रमोद चावरे का उपचार चल रहा है। इसके साथ ही बृहस्पतिवार को हुए विस्फोट में छह महिलाओं और दो पुरुषों समेत आठ श्रमिकों की मौत हो गई।

विस्फोट बृहस्पतिवार की दोपहर करीब एक बजे शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर हिंगना पुलिस थाना क्षेत्र के धमना गांव स्थित कारखाने में हुआ। नौ घायलों को शहर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

पुलिस के अनुसार विस्फोट के समय अधिकतर पीड़ित कारखाने की पैकेजिंग इकाई में कार्य कर रहे थे। पुलिस ने शुक्रवार को कारखाने के निदेशक जय शिवशंकर खेमका (49) और प्रबंधक सागर देशमुख को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें हिंगना के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हे जमानत दे दी।

पुलिस ने बताया कि निदेशक और प्रबंधक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 286 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूवर्ण आचरण), 304(ए)(किसी भी लापरवाहीपूर्ण कार्य के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनना) और 338 (किसी भी लापरवाहीपूर्ण कार्य के कारण गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया है।

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