Mayawati ने ‘सेंगोल’ विवाद पर Samajwadi Party को घेरा

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आर. के. चौधरी द्वारा संसद में ‘सेंगोल’ की स्थापना का विरोध किए जाने को लेकर सपा पर ही निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि बेहतर होता कि अगर सपा देश के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हित में केंद्र सरकार को घेरती। उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं लगाना, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केंद्र सरकार को घेरती।’’ बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि यह पार्टी (सपा) अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आने पर कमजोर वर्गों के खिलाफ फैसले भी लेती है। इनके महापुरुषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकंडों से जरूर सावधान रहें।’’ ग़ौरतलब है कि मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आर. के. चौधरी ने संसद भवन में ‘सेंगोल’ स्थापित किए जाने का विरोध करते हुए इस सिलसिले में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने ‘सेंगोल’ को र

Mayawati ने ‘सेंगोल’ विवाद पर Samajwadi Party को घेरा

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आर. के. चौधरी द्वारा संसद में ‘सेंगोल’ की स्थापना का विरोध किए जाने को लेकर सपा पर ही निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि बेहतर होता कि अगर सपा देश के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हित में केंद्र सरकार को घेरती।

उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं लगाना, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केंद्र सरकार को घेरती।’’

बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि यह पार्टी (सपा) अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आने पर कमजोर वर्गों के खिलाफ फैसले भी लेती है। इनके महापुरुषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकंडों से जरूर सावधान रहें।’’

ग़ौरतलब है कि मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आर. के. चौधरी ने संसद भवन में ‘सेंगोल’ स्थापित किए जाने का विरोध करते हुए इस सिलसिले में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने ‘सेंगोल’ को राजशाही का प्रतीक बताते हुए उसके स्थान पर संविधान की विशाल प्रति स्थापित करने की मांग की थी। चौधरी बसपा के संस्थापक सदस्य भी रह चुके हैं।

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