Manipur में महिला की रहस्यमय मौत, CBI ने दर्ज की FIR

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने कई साल पहले यहां एक मणिपुरी महिला की उसके आवास पर हुई रहस्यमय मौत की जांच अपने हाथ में ले ली है, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 वर्षीय महिला चिराग दिल्ली में एक किराये के मकान में रह रही थी, जहां 29 मई 2013 को उसका चेहरा विकृत और नाक टूटी हुई अवस्था में मिला था। उन्होंने बताया कि फर्श पर खून बिखरा हुआ था और खून से लथपथ बेडशीट मिली थी।इसे भी पढ़ें: CBI और Election Commission समेत तमाम संस्थाओं का दुरुपयोग करके BJP सत्ता में लौटेगी- Political Activistसुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामले के रूप में दिल्ली पुलिस की एफआईआर को फिर से दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में मामले में हत्या से जुड़ी धाराएं भी जोड़ दीं। एम्स के एक वरिष्ठ रेजिडेंट द्वारा शव परीक्षण किया गया, जिसने रेखांकित किया कि शरीर पर पाए गए गंभीर घाव पोस्टमार्टम प्रकृति के थे, लेकिन मौत का कारण निर्धारित नहीं कर

Manipur में  महिला की रहस्यमय मौत, CBI ने दर्ज की FIR
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने कई साल पहले यहां एक मणिपुरी महिला की उसके आवास पर हुई रहस्यमय मौत की जांच अपने हाथ में ले ली है, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 वर्षीय महिला चिराग दिल्ली में एक किराये के मकान में रह रही थी, जहां 29 मई 2013 को उसका चेहरा विकृत और नाक टूटी हुई अवस्था में मिला था। उन्होंने बताया कि फर्श पर खून बिखरा हुआ था और खून से लथपथ बेडशीट मिली थी।

इसे भी पढ़ें: CBI और Election Commission समेत तमाम संस्थाओं का दुरुपयोग करके BJP सत्ता में लौटेगी- Political Activist

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामले के रूप में दिल्ली पुलिस की एफआईआर को फिर से दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में मामले में हत्या से जुड़ी धाराएं भी जोड़ दीं। एम्स के एक वरिष्ठ रेजिडेंट द्वारा शव परीक्षण किया गया, जिसने रेखांकित किया कि शरीर पर पाए गए गंभीर घाव पोस्टमार्टम प्रकृति के थे, लेकिन मौत का कारण निर्धारित नहीं कर सके।

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मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और लोक नायक अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा दूसरी शव परीक्षा की गई लेकिन फिर भी मौत का कारण पता नहीं चल सका। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीड़िता के चचेरे भाइयों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी क्योंकि झूठ पकड़ने वाले परीक्षण में दो संदिग्धों, जो मकान मालिक थे, की संलिप्तता साबित नहीं हो सकी थी। 

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