Kolkata High Court ने भाजपा कार्यकर्ता की मौत की NIA जांच का आदेश दिया

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल में वर्ष 2023 के पंचायत चुनाव से पहले हुई हिंसा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यकर्ता की मौत की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का शुक्रवार को निर्देश दिया। मृतक बिजय कृष्ण मोहंती के बेटे प्रसेनजीत ने एक याचिका दायर करके राज्य पुलिस से जांच को एनआईए को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है। प्रसेनजीत ने याचिका में कहा है कि पूर्वी मिदनापुर जिले के मोयना इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थकों ने उनके भाजपा कार्यकर्ता पिता पर बम और अन्य हथियारों से हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। राज्य ने घटना पर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी, क्योंकि हिंसा की घटना में कथित तौर पर बम धमाका शामिल था, जो एनआईए अधिनियम के तहत एक अधिसूचित अपराध है।  इसे भी पढ़ें: झारखंड के धनबाद में 34.74 लाख रुपये की नकदी जब्तन्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने केंद्र सरकार को 15 दिनों के भीतर इस मौत की जांच एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने केंद्र सरकार को सुनवाई की अगली तारीख (25 अप्रैल) तक हलफनामे के रूप में अपने

Kolkata High Court ने भाजपा कार्यकर्ता की मौत की NIA जांच का आदेश दिया
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल में वर्ष 2023 के पंचायत चुनाव से पहले हुई हिंसा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यकर्ता की मौत की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का शुक्रवार को निर्देश दिया। मृतक बिजय कृष्ण मोहंती के बेटे प्रसेनजीत ने एक याचिका दायर करके राज्य पुलिस से जांच को एनआईए को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है। 

प्रसेनजीत ने याचिका में कहा है कि पूर्वी मिदनापुर जिले के मोयना इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थकों ने उनके भाजपा कार्यकर्ता पिता पर बम और अन्य हथियारों से हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। राज्य ने घटना पर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी, क्योंकि हिंसा की घटना में कथित तौर पर बम धमाका शामिल था, जो एनआईए अधिनियम के तहत एक अधिसूचित अपराध है। 
 

इसे भी पढ़ें: झारखंड के धनबाद में 34.74 लाख रुपये की नकदी जब्त


न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने केंद्र सरकार को 15 दिनों के भीतर इस मौत की जांच एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने केंद्र सरकार को सुनवाई की अगली तारीख (25 अप्रैल) तक हलफनामे के रूप में अपने आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

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