बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुलाए गए 'भारत बंद' को अपना समर्थन दिया। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में 'आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति' आज एक दिन का भारत बंद कर रही है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि राज्यों को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है और कहा कि संबंधित प्राधिकारी को यह तय करते समय कि क्या वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है, पर्याप्तता की गणना मात्रात्मक प्रतिनिधित्व के आधार पर नहीं बल्कि प्रभावी प्रतिनिधित्व के आधार पर करनी चाहिए। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि इन समूहों के लोगों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश है।
मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "बसपा भारत बंद का समर्थन करती है क्योंकि 1 अगस्त 2024 को एससी/एसटी और क्रीमी लेयर के उप-वर्गीकरण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश है, क्योंकि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों द्वारा आरक्षण के खिलाफ साजिश और इसे अप्रभावी बनाने और अंततः इसे समाप्त करने की उनकी मिलीभगत है।"
उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में इन वर्गों के लोगों ने आज ‘भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन दिया है तथा संविधान संशोधन आदि के माध्यम से आरक्षण में किए गए बदलावों को समाप्त करने की पुरजोर मांग की है, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित एवं शांतिपूर्ण तरीके से करने की अपील की गई है।’’ मायावती ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों को एससी-एसटी के साथ-साथ ओबीसी समुदाय को दिए गए आरक्षण के संवैधानिक अधिकार की आवश्यकता को समझना चाहिए।
उन्होंने कहा, "एससी-एसटी के साथ ओबीसी समुदाय को दिया गया आरक्षण का संवैधानिक अधिकार इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सतत संघर्ष का परिणाम है। भाजपा, कांग्रेस व अन्य दलों को इसकी आवश्यकता व संवेदनशीलता को समझना चाहिए तथा इससे खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।"