देश की पहली महिला IPS किरण बेदी आज यानी की 09 जून को अपना 75वां जन्मदिन मना रही हैं। वैसे तो किरण बेदी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। वह अपने निडर और बेबाक स्वभाव के लिए भी जानी जाती हैं। इसके अलावा किरण बेदी ने समाज सुधार की दिशा में बेहतरीन काम किए हैं। वहीं 35 सालों की नौकरी में उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया है और अपने अच्छे काम के लिए बेदी ने कई अवॉर्ड भी प्राप्त किए हैं। नौकरी के बाद वह 4 साल से ज्यादा समय तक पुदुचेरी की उपराज्यपाल भी रहीं हैं। किरण बेदी तमाम लड़कियों व महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर किरण बेदी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
पंजाब के अमृतसर के एक समृद्ध पंजाबी व्यवसायी परिवार में 09 जून 1949 को किरण बेदी का जन्म हुआ था। शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद साल 1964-68 में उन्होंने अमृतसर के शासकीय कन्या महाविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य ऑनर्स में स्नातक और साल 1968-70 में राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। इसके बाद भारतीय पुलिस सेवा में वह पहली महिला अधिकारी बनीं।
जब किरण बेदी बनीं 'क्रेन बेदी'
आपको बता दें कि पूर्व IPS अधिकारी किरण बेदी के निडर स्वभाव को लेकर कई किस्से सुनने को मिलते हैं। दरअसल, जब साल 1982 में किरण बेदी की अमृतसर से दिल्ली पुलिस में पोस्टिंग हुई, तो उनको उपायुक्त ट्रैफिक बनाया गया। उस समय किरण बेदी दिल्ली में नई थीं और उनको वहां की सड़कों के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। ऐसे में वह ट्रैफिक व्यवस्था को समझने के लिए अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली का नक्शा लेकर घूमती थीं।
इस दौरान अगर उनको अवैध रूप से खड़ी और नो पार्किंग में कोई गाड़ी खड़ी मिलती थी, तो वह क्रेन से उसको उठवा लिया करती हैं। जिसके बाद एक रिक्शे वाले ने उनका नाम 'क्रेन बेदी' रख दिया था। इतना ही नहीं एक बार किरण बेदी ने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सीबीआई के निदेशक तक की गाड़ी उठवा ली थी।
पुदुचेरी की उपराज्यपाल
किरण बेदी रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी, भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और टेनिस खिलाड़ी भी हैं। इसके अलावा वह 28 मई 2026 से लेकर 16 फऱवरी 2021 तक तक पुदुचेरी की 24वीं उपराज्यपाल भी रह चुकी हैं। बेदी ने साल 1972 में आईपीएस अफसर के तौर पर सेवा शूरू की थी। वहीं साल 2007 में उन्होंने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की महानिदेशक के रूप में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।