Jammu-Kashmir : पुलवामा में पुलिस हिरासत में युवक की मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में बुधवार को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इम्तियाज अहमद पाला की सोमवार रात को पुलिस हिरासत में मौत के बाद दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 176 के तहत मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए। पुलिस ने हालांकि पाला की मौत के कारणों पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि हिरासत में यातना के कारण उसकी मौत हुई। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किये जाने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया गया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हिरासत में हुई मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की। मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पुलवामा में मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले के आरोपी इम्तियाज अहमद की पुलिस हिरासत में मौत हो गई, जबकि दूसरा आरोपी बादामी बाग के बेस अस्पताल में जिंदगी और मौत से के बीच झूल रहा है। इम्तियाज के परिवार का दावा है कि पूछताछ के दौरान उसे गंभीर चोटें

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में बुधवार को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इम्तियाज अहमद पाला की सोमवार रात को पुलिस हिरासत में मौत के बाद दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 176 के तहत मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए।
पुलिस ने हालांकि पाला की मौत के कारणों पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि हिरासत में यातना के कारण उसकी मौत हुई। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किये जाने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया गया।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हिरासत में हुई मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की। मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पुलवामा में मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले के आरोपी इम्तियाज अहमद की पुलिस हिरासत में मौत हो गई, जबकि दूसरा आरोपी बादामी बाग के बेस अस्पताल में जिंदगी और मौत से के बीच झूल रहा है। इम्तियाज के परिवार का दावा है कि पूछताछ के दौरान उसे गंभीर चोटें आईं। सच्चाई का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
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