Jammu and Kashmir elections: पहले चरण की 13 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है NC, कांग्रेस को मिलेंगी इतनी सीटें
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए गठबंधन करने का फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठित होने के बाद 18 सितंबर को अपने पहले विधानसभा चुनाव के लिए जा रहा है। पहले चरण में 24 सीटों में से 16 कश्मीर और 8 जम्मू क्षेत्र में हैं। पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों पर मतदान होगा। सूत्रों ने बताया कि इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस 13 सीटों, कांग्रेस 10 और सीपीआईएम 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी। इसे भी पढ़ें: Jammu and Kashmir के कठुआ सीमा पर संदिग्ध गतिविधियां की गयी नोटिस, भारतीय सेना ने शुरू किया तलाशी अभियान, पूरे इलाके की घेराबंदी नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख के आवास पर अब्दुल्ला, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में सूचीबद्ध 12 गारंटियों में अनुच्छेद 370 की बहाली, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना और 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव को लागू करना शामिल हैं। समर्थन जताते हुए वरिष्ठ सीपीआई(एम) नेता तारिगाम
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए गठबंधन करने का फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठित होने के बाद 18 सितंबर को अपने पहले विधानसभा चुनाव के लिए जा रहा है। पहले चरण में 24 सीटों में से 16 कश्मीर और 8 जम्मू क्षेत्र में हैं। पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों पर मतदान होगा। सूत्रों ने बताया कि इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस 13 सीटों, कांग्रेस 10 और सीपीआईएम 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख के आवास पर अब्दुल्ला, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में सूचीबद्ध 12 गारंटियों में अनुच्छेद 370 की बहाली, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना और 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव को लागू करना शामिल हैं। समर्थन जताते हुए वरिष्ठ सीपीआई(एम) नेता तारिगामी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की घोषणा का स्वागत किया और इस बात पर जोर दिया कि यह क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक आवश्यक कदम है।
उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन एक स्वागत योग्य घटनाक्रम है और वर्तमान स्थिति तथा 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी बहुत आवश्यकता थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ भावनात्मक संबंध बनाने का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि राज्य का दर्जा बहाल करना कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ विपक्ष के इंडिया ब्लॉक की भी प्राथमिकता है।