Gaurav Gogoi ने हिमंत को लिखा पत्र, अवसंरचना परियोजनाओं से पर्यावरण पर असर को लेकर जताई चिंता

गुवाहाटी । लोकसभा में कांग्रेस के उप-नेता गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को पत्र लिखकर राज्य में अवसंरचना परियोजनाओं का स्थानीय समुदाय और पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताई। गोगोई ने बृहस्पतिवार को लिखे अपने पत्र में राज्य सरकार से अपील की कि वह इस तरह से कदम उठाए जिससे ‘‘ संतुलित विकास के साथ-साथ पर्यावरण वहनीयता और हमारे नागरिकों की बेहतरी हो।’’ गोगोई ने शुक्रवार को मीडिया से साझा किए गए पत्र में कहा कि वहनीय विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अवसंरचना परियोजनाएं पर्यावरण संतुलन को प्रभावित न करें। जोरहाट से सांसद ने तीन परियोजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में दिगहोली पखुड़ी- नूनमती एफसीआई फ्लाईओवर से बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई को लेकर चिंता पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘ नागरिक समाज समूहों ने वनों की कटाई की दर बढ़ने पर चिंता जताई है क्योंकि इसकी वजह से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, अनियोजित विकास से बाढ़ आ रही है और राज्य में वनक्षेत्र कम हो रहा है।’’ गोगोई ने पर्यावरण प्रभाव आकलन करने पर जोर दे

Gaurav Gogoi ने हिमंत को लिखा पत्र, अवसंरचना परियोजनाओं से पर्यावरण पर असर को लेकर जताई चिंता
गुवाहाटी । लोकसभा में कांग्रेस के उप-नेता गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को पत्र लिखकर राज्य में अवसंरचना परियोजनाओं का स्थानीय समुदाय और पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताई। गोगोई ने बृहस्पतिवार को लिखे अपने पत्र में राज्य सरकार से अपील की कि वह इस तरह से कदम उठाए जिससे ‘‘ संतुलित विकास के साथ-साथ पर्यावरण वहनीयता और हमारे नागरिकों की बेहतरी हो।’’ गोगोई ने शुक्रवार को मीडिया से साझा किए गए पत्र में कहा कि वहनीय विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अवसंरचना परियोजनाएं पर्यावरण संतुलन को प्रभावित न करें। जोरहाट से सांसद ने तीन परियोजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया। 

उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में दिगहोली पखुड़ी- नूनमती एफसीआई फ्लाईओवर से बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई को लेकर चिंता पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘ नागरिक समाज समूहों ने वनों की कटाई की दर बढ़ने पर चिंता जताई है क्योंकि इसकी वजह से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, अनियोजित विकास से बाढ़ आ रही है और राज्य में वनक्षेत्र कम हो रहा है।’’ गोगोई ने पर्यावरण प्रभाव आकलन करने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार को परियोजनाओं पर आगे बढ़ने से पहले वृहद पैमाने पर नागरिक समाज समूहों, पर्यावरण विशेषज्ञों और स्थानीय समुदायों से विचार-विमर्श करना चाहिए। 

गोगोई ने कहा, ‘‘सतत विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हमारे प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण संतुलन की कीमत पर न आएं।’’ कांग्रेस सांसद ने ब्रह्मपुत्र नदी पर जोरहाट-माजुली पुल के निर्माण कार्य को रोकने की ओर भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में आई खबरों के मुताबिक दो ठेकेदारों के बीच विवाद के कारण काम रूका हुआ था। पुल निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में एकत्र निर्माण सामग्री और उपकरण जमा कहीं और ले जाया गया। इसके अतिरिक्त, ऐसी खबरें भी हैं कि स्थानीय ठेकेदारों को उनका बकाया नहीं मिला है, जिसके कारण परियोजना में देरी हुई और हितधारकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है।’’ 

उन्होंने संपर्क सुधारने के लिए पुल के महत्व पर जोर देते हुए सरकार ने परियोजना की स्थिति स्पष्ट करने और इस मुद्दे का समाधान करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा। गोगोई ने जोरहाट में बरुआ चारियाली को भोगदोई पुल से जोड़ने के लिए एटीरोड पर प्रस्तावित फ्लाईओवर को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने सरकार से फ्लाईओवर की डिजाइन और स्थान पर फिर से विचार करने की अपील की। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘ मैं विकास और अवसंरचना योजनाओं का पूरी तरह से समर्थन करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि यह स्थानीय लोगों के जीविकोपार्जन की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

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