E Sreedharan Birthday: ई श्रीधरन ने देश के कई राज्यों को दी मेट्रो की सौगात,आज मना रहे 92वां जन्मदिन

देशभर में मेट्रो मैन के नाम से फेमस ई श्रीधरन आज यानी की 12 जून को अपना 92वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह वक्त के पाबंद, तय समय पर काम करने वाले और किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप को नापसंद करने हैं। वह अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करते हैं। श्रीधरन ने तय समय सीमा पर दिल्ली मेट्रो का काम पूरा कर देश की राजधानी दिल्ली को भारी भीड़ से बचा लिया। वह साल 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो रेल निगम के निदेशक रहे हैं। इन डेढ़ दशकों में उन्होंने दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के दो शहरों और हरियाणा के भी दो प्रमुख शहरों को मेट्रो की सौगात दी। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर ई श्रीधरन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में... जन्म और शिक्षाकेरल के पलक्कड़ जिले में 12 जून 1932 को ई श्रीधरन का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद आंध्र प्रदेश के काकिनाडा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। फिर कोझीकोड के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के व्याख्याता पद पर रहे। इसके बाद श्रीधरन मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में बतौर ट्रेनी भी जुड़े। साल 1953 में उन्

E Sreedharan Birthday: ई श्रीधरन ने देश के कई राज्यों को दी मेट्रो की सौगात,आज मना रहे 92वां जन्मदिन
देशभर में मेट्रो मैन के नाम से फेमस ई श्रीधरन आज यानी की 12 जून को अपना 92वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह वक्त के पाबंद, तय समय पर काम करने वाले और किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप को नापसंद करने हैं। वह अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करते हैं। श्रीधरन ने तय समय सीमा पर दिल्ली मेट्रो का काम पूरा कर देश की राजधानी दिल्ली को भारी भीड़ से बचा लिया। वह साल 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो रेल निगम के निदेशक रहे हैं। इन डेढ़ दशकों में उन्होंने दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के दो शहरों और हरियाणा के भी दो प्रमुख शहरों को मेट्रो की सौगात दी। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर ई श्रीधरन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में... 

जन्म और शिक्षा
केरल के पलक्कड़ जिले में 12 जून 1932 को ई श्रीधरन का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद आंध्र प्रदेश के काकिनाडा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। फिर कोझीकोड के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के व्याख्याता पद पर रहे। इसके बाद श्रीधरन मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में बतौर ट्रेनी भी जुड़े। साल 1953 में उन्होंने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज पास की और भारतीय रेलवे के साथ जुड़कर काम करने लगे।

ऐसे बनें मेट्रो मैन
देशभर में आधा दर्जन मेट्रो की सौगात देने के साथ दिल्ली मेट्रो के सपने को हकीकत में बदला। दिल्ली मेट्रो के निदेशक पद पर रहते हुए उन्होंने दिल्ली मेट्रो को जिस तरह उन्होंने रफ्तार दी, वह काबिले तारीफ है। साल 1997 में ई श्रीधरन ने पहली बार पहली बार डीएमआरसी की यूनिफॉर्म पहनी थी। वर्तमान समय में पूरे देश में चल रही मेट्रो प्रोजेक्ट परियोजना को साकार करने के पीछे श्रीधरन की दूर दृष्टि है। ई श्रीधरन ने ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर कोच्चि तक देश के कई शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क का खाका तैयार किया है।

पीएम मोदी के मुरीद हैं श्रीधरन
बता दें कि मेट्रो मैन ई श्रीधरन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हैं। साल 2014 में श्रीधरन ने पीएम मोदी की तारीफ में कहा था कि वह देश के सबसे योग्य व काबिल नेता है। पीएम मोदी के हाथ में देश का भविष्य महफूज रहेगा। देश की पहली मेट्रो सेवा कोलकाता मेट्रो की योजना भी श्रीधरन की देन है। मेट्रो के लिए ई श्रीधरन की सर्विसेज को देखते हुए उनको मेट्रो मैन के नाम से जाना जाता है।

उपलब्धियां
बतौर सिविल इंजीनियर ई श्रीधरन के नाम कई उपलब्धियां हैं। उन्होंने तमिलनाडु में 90 दिन का काम सिर्फ 46 दिनों में पूरा कर दिखाया था। दिसंबर 1964 में आए समुद्री तूफान ने पम्बन ब्रिज को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। उस दौरान एक ट्रेन रेलवे ट्रैक पर थी, इस हादसे में सैकड़ों यात्रियों की जान चली गई थी। वहीं तमिलनाडु के पम्बन ब्रिज के 146 में से 125 गार्डर पानी में डूब गए थे। उस दौरान सहायक इंजीनियर रहे ई. श्रीधरन को ब्रिज निर्माण का कार्य सौंपा गया था। 

बता दें कि इस ब्रिज को बनाने के लिए दक्षिण रेलवे ने तीन महीने का समय दिया था। वहीं ई श्रीधरन ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए 90 दिनों का काम सिर्फ 46 दिनों में पूरा कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। ई श्रीधरन के काम से खुश होकर रेलमंत्री ने उनको 1000 रुपए का नकद इनाम दिया था।

राजनीति
इसके अलावा ई श्रीधरन केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पोस्टर बॉय बनकर उभरे। वहीं स्थानीय नेतृत्व ने श्रीधरन को केरल के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। लेकिन पलक्कड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार से हारने के बाद ई श्रीधरन ने राजनीति से सन्यास ले लिया।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0