CM केजरीवाल के लिए आने वाली है खुशखबरी! 5 घंटे चली सुनवाई, आज होंगे रिहा?

आम आदमाी पार्टी के लिए पिछला कुछ वक्त बेहद चुनौतियों से भरा रहा है। एक-एक कर उसके नेता शराब नीति मामले में जेल जा चुका हैं। आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जेल में हैं। लेकिन कल का दिन आप के लिए थोड़ा राहत भरा रहा, जब पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। उन्होंने जमानत पर बाहर आते ही बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं जब संजय सिंह के बेल से जुड़ा कागजात तिहाड़ जेल पहुंच रहा था। उसी वक्त दिल्ली में एक और घटनाक्रम देखने को मिल रहा था। दिल्ली की हाई कोर्ट में  कथित शराब नीति घोटाला मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि हत्या करने वाले अपराधी या 'आतंकवाद' में शामिल राजनेता सिर्फ इसलिए गिरफ्तारी से नहीं बच सकते क्योंकि चुनाव आ रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल के कानूनी प्रतिनिधि ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के समय को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में कहा कि यह संविधान की मौलिक संरचना, स्व

CM केजरीवाल के लिए आने वाली है खुशखबरी! 5 घंटे चली सुनवाई, आज होंगे रिहा?

आम आदमाी पार्टी के लिए पिछला कुछ वक्त बेहद चुनौतियों से भरा रहा है। एक-एक कर उसके नेता शराब नीति मामले में जेल जा चुका हैं। आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जेल में हैं। लेकिन कल का दिन आप के लिए थोड़ा राहत भरा रहा, जब पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। उन्होंने जमानत पर बाहर आते ही बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं जब संजय सिंह के बेल से जुड़ा कागजात तिहाड़ जेल पहुंच रहा था। उसी वक्त दिल्ली में एक और घटनाक्रम देखने को मिल रहा था। दिल्ली की हाई कोर्ट में  कथित शराब नीति घोटाला मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि हत्या करने वाले अपराधी या 'आतंकवाद' में शामिल राजनेता सिर्फ इसलिए गिरफ्तारी से नहीं बच सकते क्योंकि चुनाव आ रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल के कानूनी प्रतिनिधि ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के समय को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में कहा कि यह संविधान की मौलिक संरचना, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर की अवधारणा के विपरीत है। गिरफ़्तारी का एकमात्र उद्देश्य आप को अपमानित करनाअक्षम करना है। आम आदमी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. ईडी के पास कोई सबूत नहीं है और मौजूदा सीएम की गिरफ्तारी अनुचित थी, खासकर चुनाव से पहले। 

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अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि आप कहते हैं 'मेरे घर में कुछ नहीं मिला' लेकिन पैसा आप पहले ही गोवा चुनाव में इस्तेमाल कर चुके हैं। आपने किसी को विदेश भेज दिया, तो इसकी वसूली आपके निवास से कैसे होगी? इसका मतलब यह नहीं है कि कोई पीएमएलए अपराध नहीं है। अपराधियों और विचाराधीन कैदियों को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है, 'हम अपराध करेंगे और हमें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्योंकि चुनाव आ गए हैं।' यह पूरी तरह से हास्यास्पद है। मान लीजिए कि कोई राजनीतिक व्यक्ति चुनाव से पहले हत्या कर देता है। क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उनकी गिरफ्तारी से (चुनाव को) नुकसान होगा? आप एक हत्या करते हैं और कहते हैं कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे उल्लंघन होगा...यह किस तरह की बुनियादी संरचना है?

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केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि संज्ञान दबाया गया है। मैं आश्चर्यचकित हूं। मेरे जैसे आपराधिक कानून में नौसिखिया से इसकी उम्मीद की जा सकती है लेकिन राजू जैसे विषय के अनुभवी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती। गिरफ़्तारी पर संज्ञान की क्या प्रासंगिकता है? संज्ञान में हमने जनवरी 2024 तक बताया था, यह स्पष्ट है कि ईडी ने कहा कि आरोपी नहीं हूं। मेरा सवाल यह है कि, यदि आपका आधिपत्य एक्स और वाई की जमानत को खारिज कर देता है, तो पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली जेड की किसी भी बाद की याचिका के लिए इसकी कोई प्रासंगिकता कैसे है? 5 घंटे चली बहस के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

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