Amarnath Yatra के साथ बहुत गहरा संबंध है Nowdal Shrine का, भव्य मंदिर और यात्री भवन का निर्माण शुरू

कश्मीर में आजकल प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार अथवा उनके पुनर्निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। खास बात यह है कि इस काम में कश्मीरी मुस्लिमों का भी बढ़-चढ़कर सहयोग मिल रहा है। इसी कड़ी में पुलवामा जिले के नवदल गांव में 30 सालों के इंतजार के बाद पौराणिक शिव मंदिर की चारदीवारी और यात्री निवास के निर्माण का काम शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इस निर्माण कार्य में आसपास के 11 गांवों के लोगों की ओर से सहयोग किया जा रहा है।हाल ही में नवदल त्राल समिति की ओर से भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कश्मीरी पंडितों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। बताया जा रहा है कि पाटली गंगा के नाम से भी जाने जाने वाले इस पवित्र मंदिर में नवदल भवन का निर्माण भी कराया जायेगा। हम आपको बता दें कि मान्यता है कि इस प्राचीन मंदिर में सफेद शिवलिंग के रूप में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं। बताया जा रहा है कि त्राल प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए इस तीर्थ स्थल पर सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। दरअसल इस शिव मंदिर की गाथा अमरनाथ यात्रा से भी जुड़ी हुई है और माना जाता ह

Amarnath Yatra के साथ बहुत गहरा संबंध है Nowdal Shrine का, भव्य मंदिर और यात्री भवन का निर्माण शुरू
कश्मीर में आजकल प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार अथवा उनके पुनर्निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। खास बात यह है कि इस काम में कश्मीरी मुस्लिमों का भी बढ़-चढ़कर सहयोग मिल रहा है। इसी कड़ी में पुलवामा जिले के नवदल गांव में 30 सालों के इंतजार के बाद पौराणिक शिव मंदिर की चारदीवारी और यात्री निवास के निर्माण का काम शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इस निर्माण कार्य में आसपास के 11 गांवों के लोगों की ओर से सहयोग किया जा रहा है।

हाल ही में नवदल त्राल समिति की ओर से भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कश्मीरी पंडितों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। बताया जा रहा है कि पाटली गंगा के नाम से भी जाने जाने वाले इस पवित्र मंदिर में नवदल भवन का निर्माण भी कराया जायेगा। हम आपको बता दें कि मान्यता है कि इस प्राचीन मंदिर में सफेद शिवलिंग के रूप में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं। बताया जा रहा है कि त्राल प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए इस तीर्थ स्थल पर सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। दरअसल इस शिव मंदिर की गाथा अमरनाथ यात्रा से भी जुड़ी हुई है और माना जाता है कि अमरनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद वहां से जो छड़ी चलती है उसके साथ जब तक यहां आकर विसर्जन नहीं किया जाता तब तक अमरनाथ यात्रा संपन्न नहीं होती।

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इसलिए मंदिर और श्राइन प्रबंधक समिति त्राल अवंतीपोरा के अध्यक्ष डॉ. रमेश भट ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की है कि वह इस तीर्थस्थल को भारतीय तीर्थ पर्यटन के मानचित्र पर लाएं और इस पवित्र तीर्थस्थल की प्राचीन महिमा का प्रचार किया जाये और यहां मौजूदा नौ झरनों को ठीक कराने में सहयोग किया जाये। बहरहाल, प्रभासाक्षी संवाददाता ने इस मंदिर में चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया और प्रोजेक्ट मैनेजर दीपक राजदान से बात कर इस परियोजना की जानकारी ली। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस काम में यदि सरकार भी सहयोग करे तो निर्माण कार्य और तेजी से पूरा हो सकता है।

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