मुख्यमंत्री Shinde के गढ़ में 'महा विकास अघाड़ी' की होगी अग्निपरीक्षा, विधानसभा की 5 सीटों पर है 'महायुति' का कब्जा

ठाणे लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र का एक प्रमुख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां शिवसेना सबसे मजबूत पार्टी है। हाल ही में लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के गुट वली शिवसेना के नरेश गणपत म्हस्के ने उद्धव ठाकरे के गुट वली शिवसेना को हराकर जीत हासिल की थी। यह क्षेत्र मुंबई के उत्तरीय छोर पर स्थित है, जो उल्हास नदी के मुहाने पर बसा हुआ है। पूर्व में यह लोकसभा क्षेत्र पुर्तगालियों, मराठों और अंग्रेजों के अधिकार क्षेत्र में भी रह चुका है। समुद्र तल से महज 7 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ ठाणे चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस स्थान को श्री संथानक नाम से भी पूरे देश में जाना जाता है। वर्तमान में ठाणे लोकसभा क्षेत्र रसायन, इंजीनियरिंग उत्पाद एवं वस्त्र उद्योग का विशाल केंद्र बन चुका है। इस क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक भवन भी हैं, जिसके अंतर्गत किला और कई चर्च शामिल हैं।ठाणे लोकसभा क्षेत्र मीरा-भायंदर, ओवला मजीवाड़ा, कोपरी पाचपाखाडी, ठाणे, ऐरोली और बेलापुर विधानसभाओं से मिलकर बना हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर शिवसेना ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए सभी छह विधानसभाओं पर बढ़त बनाकर र

मुख्यमंत्री Shinde के गढ़ में 'महा विकास अघाड़ी' की होगी अग्निपरीक्षा, विधानसभा की 5 सीटों पर है 'महायुति' का कब्जा
ठाणे लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र का एक प्रमुख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां शिवसेना सबसे मजबूत पार्टी है। हाल ही में लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के गुट वली शिवसेना के नरेश गणपत म्हस्के ने उद्धव ठाकरे के गुट वली शिवसेना को हराकर जीत हासिल की थी। यह क्षेत्र मुंबई के उत्तरीय छोर पर स्थित है, जो उल्हास नदी के मुहाने पर बसा हुआ है। पूर्व में यह लोकसभा क्षेत्र पुर्तगालियों, मराठों और अंग्रेजों के अधिकार क्षेत्र में भी रह चुका है। समुद्र तल से महज 7 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ ठाणे चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस स्थान को श्री संथानक नाम से भी पूरे देश में जाना जाता है। वर्तमान में ठाणे लोकसभा क्षेत्र रसायन, इंजीनियरिंग उत्पाद एवं वस्त्र उद्योग का विशाल केंद्र बन चुका है। इस क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक भवन भी हैं, जिसके अंतर्गत किला और कई चर्च शामिल हैं।

ठाणे लोकसभा क्षेत्र मीरा-भायंदर, ओवला मजीवाड़ा, कोपरी पाचपाखाडी, ठाणे, ऐरोली और बेलापुर विधानसभाओं से मिलकर बना हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर शिवसेना ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए सभी छह विधानसभाओं पर बढ़त बनाकर रखी थी। वर्तमान विधानसभावार स्थिति के मुताबिक, यहां 'महायुति गठबंधन' का पलड़ा भारी है, जबकि महा विकास आघाडी का इस क्षेत्र में एक भी विधायक नहीं है। 6 में से तीन सीट बीजेपी के पास हैं। तो वहीं, दो पर एकनाथ शिंदे के गुट वली शिवसेना और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार काबिज है। 

राज्य में 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2009 के चुनाव से अस्तित्व में आयी मीरा-भायंदर विधानसभा सीट ठाणे जिले के अंतर्गत ही आती है। पिछले दो चुनावों से यह सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है। उसने इस सीट पर एनसीपी को हराकर कब्जा जमाया था। वर्तमान में गीता भारत जैन यहां से विधायक हैं। उनसे पहले उन्हीं की पार्टी के नरेंद्र मेहता भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला ओवला मजीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे) का पूरी तरह से नियंत्रण है। इस सीट पर पार्टी नेता प्रताप सरनाईक लगातार तीन बार से विधायक चुने जा रहे हैं। 2009 से विधानसभा क्षेत्र के रूप में घोषित हुए इस क्षेत्र में शिवसेना के अलावा कोई भी पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी है। 

इस लोकसभा क्षेत्र की कोपरी पाचपाखाडी सीट से राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे विधायक हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र भी पूरी तरह से ठाणे जिले के तहत ही आता है। 2009 से विधानसभा क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त इस सीट पर हमेशा से एकनाथ शिंदे ही विधायक चुने जाते रहे हैं। 2022 में शिवसेना के दो फाड़ करने वाले एकनाथ शिंदे राज्य के 20वें मुख्यमंत्री हैं। राज्य के गठन के साथ ही 1962 से अस्तित्व में आयी ठाणे विधानसभा सीट पर शुरुआत में कांग्रेस सबसे मजबूत पार्टी थी, लेकिन 1990 से कांग्रेस के हाथ से छिटकी यह सीट वापस उसके कब्जे में कभी नहीं आयी। इसके बाद से 2014 तक शिवसेना ने यहां एकछत्र राज किया है। जिसके तहत प्रारंभ में तीन बार पार्टी नेता मोरेश्वर जोशी, उसके बाद एकबार वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी विधायक चुने गए थे। फिलहाल इस सीट पर पिछले 10 साल से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है, जिसके नेता संजय केलकर यहां से वर्तमान विधायक हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा में 150 सीट नंबर से प्रसिद्ध एरोली विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से ठाणे जिले के तहत ही आता है। 2009 से पहले यह कोई भी निर्वाचन क्षेत्र नहीं था, लेकिन इस क्षेत्र में 2009 में हुए पहले चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संदीप नायक ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद में लगातार दो बार एरोली क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 2019 में हुए अंतिम विधानसभा चुनाव में इस सीट को भारतीय जनता पार्टी के गणेश रामचंद्र नाईक ने उनसे छीन लिया था। विधायक गणेश नाईक पूर्ववर्ती सरकारों में बतौर कैबिनेट मंत्री कई मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। ठाणे लोक सभा क्षेत्र की एक अन्य सीट बेलापुर भी है, इस क्षेत्र के मतदाताओं ने सभी पार्टियों को अपना प्रतिनिधित्व करने का भी मौका दिया है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के मंदा विजय म्हात्रे इस क्षेत्र का राज्य की विधानसभा में पिछले 10 साल से प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने वर्तमान में बीजेपी के ही विधायक और पूर्व एनसीपी नेता गणेश नायक से यह सीट छीनी थी। जो लगातार दो बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।

ऐतिहासिक रूप से, ठाणे लोकसभा क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों का दबदबा रहा है। शुरू में, इस पर समाजवादी विचारधाराओं का दबदबा था, लेकिन बाद में यह कांग्रेस पार्टी का गढ़ बन गया। इसके बाद, भाजपा और शिवसेना ने भी इस निर्वाचन क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। 2009 में, एनसीपी ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया, लेकिन 2014 में शिवसेना ने इसे फिर से जीत लिया। ठाणे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की आबादी लगभग 25 लाख है, जिसमें से 55% पुरुष और 45% महिलाएं हैं। इस क्षेत्र की साक्षरता दर लगभग 90% है। इस क्षेत्र में निर्वाचन क्षेत्र में मध्यम वर्ग की आबादी अधिक है। यह क्षेत्र औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र है, जिसमें कपड़ा, रसायन और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यहाँ के सामाजिक मुद्दों में बेरोजगारी, यातायात समस्याएं, और जल प्रदूषण शामिल हैं। इस क्षेत्र में सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल इन मुद्दों पर काम कर रहे हैं।

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