नींद में सुधार का दावा करने वाली Pink Noise के बारे में जानें और एक्सपर्ट्स की इस क्या राय है?

इसमें कोई शक नहीं कि आज के समय में हममें से लगभग हर कोई तनाव, नींद की कमी और कई अन्य समस्याओं से पीड़ित है। यह सब हमारी खराब जीवनशैली के कारण है जिसे संभालना मुश्किल हो रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर एक 'पिंक नॉइज' का ट्रैंड चल रहा है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये विश्राम को बढ़ावा देता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। ऐसे में चलिए जानते हैं ये क्या है? क्या ये वास्तव में मदद करता है? इसके पीछे का विज्ञान क्या है?पिंक नॉइज क्या है?एक्सपर्ट के मुताबिक, साउंड (आवाज) लाइट की तरह काफी हद तक वेव से बनी होती है। लाइट के रंगों के बारे में लोगों को पता होता है, लेकिन साउंड के रंगों को कोई इतना वाकिफ नहीं है। साउंड को इसके वितरण द्वारा उल्लिखित किया जा सकता है। पिंक नॉइज (गुलाबी शोर) को समझने के लिए आपको पहले व्हाइट नॉइज को समझना पड़ेगा, जो रंगीन शोरों में सबसे परिचित है। ये रेडियो या टीवी पर स्थिर शोर के समान होती है। साउंड इंजीनियर इसे मानव कान के द्वारा सुनाई देने वाली सभी आवृत्तियों में समान मात्रा के रूप में परिभाषित करते हैं। इसलिए इसे व्हाइट नॉइज कहा जाता है,

नींद में सुधार का दावा करने वाली Pink Noise के बारे में जानें और एक्सपर्ट्स की इस क्या राय है?
इसमें कोई शक नहीं कि आज के समय में हममें से लगभग हर कोई तनाव, नींद की कमी और कई अन्य समस्याओं से पीड़ित है। यह सब हमारी खराब जीवनशैली के कारण है जिसे संभालना मुश्किल हो रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर एक 'पिंक नॉइज' का ट्रैंड चल रहा है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये विश्राम को बढ़ावा देता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। ऐसे में चलिए जानते हैं ये क्या है? क्या ये वास्तव में मदद करता है? इसके पीछे का विज्ञान क्या है?

पिंक नॉइज क्या है?
एक्सपर्ट के मुताबिक, साउंड (आवाज) लाइट की तरह काफी हद तक वेव से बनी होती है। लाइट के रंगों के बारे में लोगों को पता होता है, लेकिन साउंड के रंगों को कोई इतना वाकिफ नहीं है। साउंड को इसके वितरण द्वारा उल्लिखित किया जा सकता है। पिंक नॉइज (गुलाबी शोर) को समझने के लिए आपको पहले व्हाइट नॉइज को समझना पड़ेगा, जो रंगीन शोरों में सबसे परिचित है। ये रेडियो या टीवी पर स्थिर शोर के समान होती है। साउंड इंजीनियर इसे मानव कान के द्वारा सुनाई देने वाली सभी आवृत्तियों में समान मात्रा के रूप में परिभाषित करते हैं। इसलिए इसे व्हाइट नॉइज कहा जाता है, जिसमें सभी रंग समाए होते हैं।

व्हाइट नॉइज उच्च आवृत्तियाँ (frequencies) पर कानों को कठोर लग सकती है। साउंड में से जब ये उच्च आवृत्तियों की आवाज को कम कर दिया जाए तो ये पिंक नॉइज बन जाती है। पिंक नॉइज सुनने में बारिश या समुद्र की प्राकृतिक ध्वनि की तरह लगती है, जो दिमाग को शांत करने में मदद करती है। भूरे रंग का शोर और भी कम स्वर में सुनाई देता है, जो इसे सुखदायक गड़गड़ाहट देता है।

पिंक नॉइज वास्तव में मदद करती है?
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक फिलहाल पिंक नॉइज पर अध्ययन कर रहे हैं। वह अपने अध्ययन में ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे गुलाबी शोर की छोटी-छोटी तरंगे कैसे दिमाग को शांत कर गहरी नींद को बढ़ावा देती है। छोटे अध्ययनों के अनुसार, गुलाबी-शोर ने याददाश्त और विश्राम प्रतिक्रिया में सुधार करने में मदद की है।

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