चालबाज चीन पर भारत को बिल्कुल नहीं है भरोसा, ठंड से पहले LAC को लेकर सरकार ने कर लिया बड़ा फैसला

भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति कम होती दिखाई नहीं दे रही है। कई बार भारत की ओर से ऐसे बयान भी आ चुके हैं जिसमें कहा गया है कि सीमा पर शांति जरूर है पर चीन अपनी हरकतों से बाद नहीं आ रहा है। यहीं कारण है कि भारत लगातार पांचवीं सर्दियों तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की अग्रिम तैनाती बरकरार रखेगा। इसका बड़ा कारण ये है क चीन पर विश्वास नहीं कया जा सकता है क्योंक वह कहता कुछ है और करता कुछ है। सेना पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश-सिक्किम क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में सैनिकों को तैनात करने की पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है।  इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: China Border पर Indian Army की तोपखाना यूनिटों की युद्ध क्षमता में भारी इजाफा किया गयासैन्य सूत्र ने टीओआई को बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ जमीनी स्तर पर विश्वास की कमी बहुत अधिक है। जानकारी के मुताबिक जिस तरह से चीन अपनी अग्रिम सैन्य स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर ‘स्थायी सुरक्षा’ और बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, उससे यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पीएलए निकट भविष्य में

चालबाज चीन पर भारत को बिल्कुल नहीं है भरोसा, ठंड से पहले LAC को लेकर सरकार ने कर लिया बड़ा फैसला
भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति कम होती दिखाई नहीं दे रही है। कई बार भारत की ओर से ऐसे बयान भी आ चुके हैं जिसमें कहा गया है कि सीमा पर शांति जरूर है पर चीन अपनी हरकतों से बाद नहीं आ रहा है। यहीं कारण है कि भारत लगातार पांचवीं सर्दियों तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की अग्रिम तैनाती बरकरार रखेगा। इसका बड़ा कारण ये है क चीन पर विश्वास नहीं कया जा सकता है क्योंक वह कहता कुछ है और करता कुछ है। सेना पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश-सिक्किम क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में सैनिकों को तैनात करने की पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है। 

 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: China Border पर Indian Army की तोपखाना यूनिटों की युद्ध क्षमता में भारी इजाफा किया गया


सैन्य सूत्र ने टीओआई को बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ जमीनी स्तर पर विश्वास की कमी बहुत अधिक है। जानकारी के मुताबिक जिस तरह से चीन अपनी अग्रिम सैन्य स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर ‘स्थायी सुरक्षा’ और बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, उससे यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पीएलए निकट भविष्य में अपने शांतिकालीन स्थानों पर वापस नहीं लौटेगा। सेना वर्तमान में शीतकालीन स्टॉकिंग में शामिल है क्योंकि वे क्षेत्र में कठोर परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। 
 

इसे भी पढ़ें: Arunachal की चोटी का नाम दलाई लामा, तिलमिलाया चीन, कहा- ये हमारा इलाका है


रिपोर्ट के अनुसार, जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और बल की सात कमानों के कमांडर-इन-चीफ एक बैठक में परिचालन स्थिति की समीक्षा करेंगे जो 9-10 अक्टूबर को गंगटोक, सिक्किम में होने वाली है। कूटनीतिक स्तर पर पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव को लेकर संभावित बातचीत हुई है। 12 सितंबर को सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स बैठक के मौके पर भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। हालाँकि, दोनों देशों के बीच दुश्मनी अभी भी बनी हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, जब तक यथास्थिति बहाल करने के लिए तनाव कम नहीं किया जाता और सैनिकों को वापस नहीं बुलाया जाता, तब तक खतरा बना रहेगा।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0