अप्रैल में लगने जा रहा है पूर्ण सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं देगा दिखाई, जानें क्या है कारण
भारत में इस वर्ष पूर्ण सूर्य ग्रहण आठ अप्रैल को लगने जा रहा है। ये सूर्य ग्रहण बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि बीते 50 वर्षों में दुनिया ने ऐसा ग्रहण नहीं देखा है। हालांकि भारत में ये ग्रहण नहीं लगेगा। ऐसे में भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण इस बार मीन राशि में लगने जा रहा है मगर धार्मिक दृष्टि से इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा मगर अमेरिका के राज्यों में इसे साफ तौर पर देखा जा सकेगा। अमेरिका के लिए ये ग्रहण काफी खास है क्योंकि वहां लंबे समय के बाद कोई खगोलीय घटना घट रही है। सूर्य ग्रहण के दौरान कई मिनटों के लिए सूरज चंद्रमा की छाया में ढक जाएगा। इतने समय में अमेरिका रात की गिरफ्त में होगा। इस सूर्य ग्रहण को लेकर अमेरिका में कई इंतजाम भी किए गए है। बता दें कि आठ अप्रैल की रात को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जब चंद्रमा सूर्य से पूरी तरह ढक जाएगा। यह 9 अप्रैल को रात 9.13 बजे और 10 अप्रैल को दोपहर 2.22 बजे के बीच होगा और यह मेक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी भाग, दक्षिण-पूर्वी कनाडा से दिखाई देगा। भारत में ये ग्रहण नहीं दिखेगा मगर इ
भारत में इस वर्ष पूर्ण सूर्य ग्रहण आठ अप्रैल को लगने जा रहा है। ये सूर्य ग्रहण बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि बीते 50 वर्षों में दुनिया ने ऐसा ग्रहण नहीं देखा है। हालांकि भारत में ये ग्रहण नहीं लगेगा। ऐसे में भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण इस बार मीन राशि में लगने जा रहा है मगर धार्मिक दृष्टि से इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा मगर अमेरिका के राज्यों में इसे साफ तौर पर देखा जा सकेगा।
अमेरिका के लिए ये ग्रहण काफी खास है क्योंकि वहां लंबे समय के बाद कोई खगोलीय घटना घट रही है। सूर्य ग्रहण के दौरान कई मिनटों के लिए सूरज चंद्रमा की छाया में ढक जाएगा। इतने समय में अमेरिका रात की गिरफ्त में होगा। इस सूर्य ग्रहण को लेकर अमेरिका में कई इंतजाम भी किए गए है। बता दें कि आठ अप्रैल की रात को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जब चंद्रमा सूर्य से पूरी तरह ढक जाएगा। यह 9 अप्रैल को रात 9.13 बजे और 10 अप्रैल को दोपहर 2.22 बजे के बीच होगा और यह मेक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी भाग, दक्षिण-पूर्वी कनाडा से दिखाई देगा। भारत में ये ग्रहण नहीं दिखेगा मगर इस ग्रहण को विभिन्न लाइवस्ट्रीम के माध्यम से देखा जा सकता है।
अप्रैल में होने वाला सूर्य ग्रहण आमतौर पर तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में पूरी तरह से आते हैं। हर बार जब चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर पूरा करता है, तो वह अमावस्या के बाद आता है। बता दें कि अगर चंद्रमा हमारे ग्रह की उसी ग्रह पर परिक्रमा करता है जिस ग्रह पर पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, तो हर महीने एक सूर्य ग्रहण होगा। चंद्रमा की कक्षा सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के सापेक्ष लगभग 5 डिग्री के कोण पर है। चंद्रमा और सूर्य के बीच दूरी हमेशा सटीक नहीं होता है। चंद्रमा आमतौर पर सूर्य की ओर से कुछ डिग्री तक गुजरता है। जब दुनिया में ये खगोलीय घटना होती है तो भी ये जरुरी नहीं है कि ये पूरी दुनिया में दिखाई दे। चंद्रमा के बहुत छोटे आकार के कारण, हमारे ग्रह पर इसकी छाया कभी भी कुछ सौ किलोमीटर से अधिक चौड़ी नहीं होती है। ऐसे में सूर्य ग्रहण वहां दिखता है जहां से उस समय चंद्रमा की छाया गुजरती है।