अहमदाबाद। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी को रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राजी किया गया क्योंकि उनके परिवार के कई सदस्यों ने अतीत में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली लोकसभा सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 से 2024 तक रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि वह अब राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गई हैं। गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और उस सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं।
खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चूंकि हमारी नेता सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए निर्वचित हुई हैं इसलिए हमने राहुल गांधी से अनुरोध किया कि रायबरेली पुराना निर्वाचन क्षेत्र है और यह राजीव गांधी, फिरोज गांधी और उनके परिवार के कई सदस्यों की सीट रही है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वह (चुनाव प्रचार के लिए) शिवमोगा में थे। हमने कल रात चर्चा की और आखिरकार हमने नामांकन पत्र दाखिल किया। मैं भी वहां गया था। डर का कोई सवाल ही नहीं है।’’
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उन्होंने रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उन्हें पता है कि वह वायनाड में हार जाएंगे। खरगे ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री के कटाक्ष के बाद की। रायबरेली से गांधी के नामांकन पर मोदी के बयान के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा कि एक प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान शोभा नहीं देता। मोदी के इस आरोप पर कि पाकिस्तान के लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें, खरगे ने कहा कि ऐसा नहीं होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा देश है, जहां हमारे लोग अपना वोट डालेंगे। हम बिना निमंत्रण के गले मिलने के लिए पाकिस्तान नहीं गए। वह (मोदी) ऐसा काम करते हैं और फिर कांग्रेस पर पाकिस्तान से मदद लेने का आरोप लगाते हैं। कांग्रेस ने ऐसे नेता दिए हैं जिन्होंने देश की एकता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है। खरगे ने कहा कि इसके बावजूद मोदी पूछते हैं कि कांग्रेस ने देश के लिए क्या किया है।
कांग्रेस के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा सत्ता में आने के बाद संविधान बदल देगी, खरगे ने कहा कि ऐसे दावे भाजपा और आरएसएस नेताओं द्वारा खुले मंच से किये जा रहे हैं। बाद में अहमदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि मोदी झूठों के सरदार हैं क्योंकि उन्होंने लोगों के खातों में 15 लाख रुपये देने और किसानों की आय दोगुनी करने जैसे वादे पूरे नहीं किए हैं।