हमें लोगों के फैसले को विन्रमता से स्वीकार करना चाहिए: Naveen Patnaik
बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और ओडिशा के निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि लोगों के फैसले को विन्रमता से स्वीकार करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह हर संभव तरीके से ओडिशा के लोगों की सेवा करते रहेंगे। ओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे पटनायक ने पीटीआई-वीडियो से कहा कि उन्हें बीजद सरकार और पार्टी पर गर्व है। पटनायक को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में, 24 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमने हमेशा कोशिश की है और बेहतरीन काम किया है। हमारे पास अपनी सरकार और पार्टी पर गर्व करने के लिए बहुत कुछ है। लोकतंत्र में या तो आप जीतते हैं या हारते हैं। पटनायक ने कहा, लंबे समय बाद शिकस्त मिलने पर हमें हमेशा जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि ओडिशा के 4.5 करोड़ लोग मेरा परिवार हैं। मैं उनकी हरसंभव सेवा करता रहूंगा। उन्होंने ओडिशा के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने बार-बार मुझे अपना आशीर्वाद दिया है। भाजपा ने ओडिशा की 147 विधानसभा सी

बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और ओडिशा के निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि लोगों के फैसले को विन्रमता से स्वीकार करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह हर संभव तरीके से ओडिशा के लोगों की सेवा करते रहेंगे।
ओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे पटनायक ने पीटीआई-वीडियो से कहा कि उन्हें बीजद सरकार और पार्टी पर गर्व है। पटनायक को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में, 24 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमने हमेशा कोशिश की है और बेहतरीन काम किया है। हमारे पास अपनी सरकार और पार्टी पर गर्व करने के लिए बहुत कुछ है। लोकतंत्र में या तो आप जीतते हैं या हारते हैं।
पटनायक ने कहा, लंबे समय बाद शिकस्त मिलने पर हमें हमेशा जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि ओडिशा के 4.5 करोड़ लोग मेरा परिवार हैं। मैं उनकी हरसंभव सेवा करता रहूंगा। उन्होंने ओडिशा के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने बार-बार मुझे अपना आशीर्वाद दिया है।
भाजपा ने ओडिशा की 147 विधानसभा सीट में से 78 पर जीत दर्ज कर बीजद के 24 साल के शासन को समाप्त करते हुए सत्ता हासिल की। वहीं, बीजद को केवल 51 सीट पर ही जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने 14 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सीट जीती और तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए।
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