सरकार के भरोसे मत रहो, ये विषकन्या होती है, जिसके साथ जाती है उसे डूबो देती है, गडकरी ने ऐसा क्यों कहा?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि हमें हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो, उससे दूर रहें। उन्होंने सुझाव दिया, सरकार एक विषकन्या (है और वह जिसके साथ जाती है उसे डुबो देती है। सरकार क पचड़े में मत पड़ो। केंद्रीय मंत्री ने विदर्भ आर्थिक विकास परिषद द्वारा आयोजित अद्भुत विदर्भ परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आप जो चाहें सब्सिडी ले सकते हैं, लेकिन यह आपको कब मिलेगी, कुछ मिलेगा या नहीं, इसका कोई भरोसा नहीं है।इसे भी पढ़ें: Samba Assembly Seat: क्या सांबा सीट पर BJP दोबारा हासिल कर पाएगी जीत या Congress-NC गठबंधन बदलेगा सियासी समीकरणसरकारी सब्सिडी पर बोलते हुए उन्होंने याद करते हुए कहा कि एक बार मेरा बेटा आया और बोला कि उसे सब्सिडी के 450 करोड़ रुपये मिले हैं और टैक्स का पैसा जमा है। उसने पूछा कि सब्सिडी कब मिलेगी। मैंने उससे कहा कि भगवान से प्रार्थना करो क्योंकि है कोई आश्वासन नहीं। मिलेगा, ये संभव है। लाडली बहन योजना अभी शुरू हुई है, इसलिए उनके काम के लिए सब्सिडी का पैसा मिलना ही है, वो अट
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि हमें हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो, उससे दूर रहें। उन्होंने सुझाव दिया, सरकार एक विषकन्या (है और वह जिसके साथ जाती है उसे डुबो देती है। सरकार क पचड़े में मत पड़ो। केंद्रीय मंत्री ने विदर्भ आर्थिक विकास परिषद द्वारा आयोजित अद्भुत विदर्भ परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आप जो चाहें सब्सिडी ले सकते हैं, लेकिन यह आपको कब मिलेगी, कुछ मिलेगा या नहीं, इसका कोई भरोसा नहीं है।
सरकारी सब्सिडी पर बोलते हुए उन्होंने याद करते हुए कहा कि एक बार मेरा बेटा आया और बोला कि उसे सब्सिडी के 450 करोड़ रुपये मिले हैं और टैक्स का पैसा जमा है। उसने पूछा कि सब्सिडी कब मिलेगी। मैंने उससे कहा कि भगवान से प्रार्थना करो क्योंकि है कोई आश्वासन नहीं। मिलेगा, ये संभव है। लाडली बहन योजना अभी शुरू हुई है, इसलिए उनके काम के लिए सब्सिडी का पैसा मिलना ही है, वो अटक गया है।
जून 2023 में गडकरी ने नागपुर में कृषि विकास प्रतिष्ठान के तत्वावधान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार एक 'विषकन्या' की तरह है जिसकी छाया किसी भी परियोजना को बर्बाद कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार का हस्तक्षेप, उसकी भागीदारी और यहां तक कि उसकी छाया भी 'विषकन्या' जैसी किसी भी परियोजना को बर्बाद कर सकती है।