नयी दिल्ली।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
वी नारायणसामी ने मंगलवार को कहा कि
पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के जीतने की स्थिति में अगर उनसे फिर से मुख्यमंत्री बनने की पेशकश की जाती है तो वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे और इस केंद्रशासित प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे।
पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री नारायणसामी ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब हाल ही में कांग्रेस ने अपने 14 उम्मीदवारों की सूची जारी की तो इसमें उनका नाम नहीं था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं क्योंकि चुनाव संबंधी कार्यों एवं कार्यक्रमों को लेकर उन्हें समन्वय का काम करना है। पुडुचेरी में सभी 30 सीटों के लिए छह अप्रैल को मतदान होना है।
नारायणसामी ने यह भी कहा कि इस चुनाव का मुख्य मुद्दा पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़ा है और इस चुनाव में कांग्रेस इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है, जबकि भाजपा के घोषणापत्र में इस मामले पर कुछ नहीं कहा गया है। उनके मुताबिक, पुडुचेरी को 15वें वित्त आयोग में शामिल करने, विरासत में मिले के कर्ज को माफ करने तथा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट रूपी परीक्षा को खत्म करने की मांग अन्य प्रमुख मुद्दे हैं। उन्होंने दावा किया कि अगर पुडुचेरी में भाजपा सत्ता में आती है तो इस केंद्रशासित प्रदेश कीखुद की पहचान खत्म हो जाएगी। नारायणसामी ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार की शक्तियां लेकर उपराज्यपाल को दे दी गईं। अब दिल्ली सरकार शक्तिहीन हो गई है।’’
उन्होंने कहा कि पुडुचेरी को लोगों को इस मुद्दे को ध्यान में रखकर वोट करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने पर क्या वह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी फिर से संभालेंगे तो नारायणसामी ने ‘न’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री के बारे में विधायक फैसला करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस कार्यकर्ता हूं। मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए 24 घंटे काम करूंगा।’’ पुडुचेरी की 30 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस नीत गठबंधन के तहत कांग्रेस 14, द्रमुक 13, भाकपा एक और वीसीके एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दे रही है।