बिजली परियोजना बंद करने से संबंधित मामला सीबीआई को सौंपा गया: हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि पर्यावरण मंजूरी नहीं मिलने के कारण पांच मेगावाट वाले बोर्डिकोरई हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को बंद करने से संबंधित मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया गया। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना को बिश्वनाथ जिले में स्थापित करने का प्रस्ताव था और 2009 में एक निजी कंपनी को यह काम सौंपा गया था लेकिन 2012 में वन विभाग ने बताया कि परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी नहीं ली गई थी। उन्होंने बताया कि 2015 में परियोजना को व्यवहार्य नहीं होने के आधार पर अचानक बंद कर दिया गया और गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने सरकार को कंपनी को 100 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उस समय राज्य में तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। शर्मा ने कहा, हमने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है ताकि उन परिस्थितियों की जांच की जा सके, जिसके कारण परियोजना को अचानक बंद कर दिया गया जबकि पर्यावरण मंजूरी ली जा सकती थी। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरि

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि पर्यावरण मंजूरी नहीं मिलने के कारण पांच मेगावाट वाले बोर्डिकोरई हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को बंद करने से संबंधित मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया गया।
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना को बिश्वनाथ जिले में स्थापित करने का प्रस्ताव था और 2009 में एक निजी कंपनी को यह काम सौंपा गया था लेकिन 2012 में वन विभाग ने बताया कि परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी नहीं ली गई थी।
उन्होंने बताया कि 2015 में परियोजना को व्यवहार्य नहीं होने के आधार पर अचानक बंद कर दिया गया और गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने सरकार को कंपनी को 100 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उस समय राज्य में तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।
शर्मा ने कहा, हमने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है ताकि उन परिस्थितियों की जांच की जा सके, जिसके कारण परियोजना को अचानक बंद कर दिया गया जबकि पर्यावरण मंजूरी ली जा सकती थी। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित नहीं है और न ही इसमें कोई राजनीतिज्ञ शामिल है।
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