फिर जेल से बाहर आएगा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम? 21 दिन के फरलो के लिए खटखटाया न्यायालय का दरवाजा

डेरा सच्चा सौदा (डीएसएस) सिरसा के विवादास्पद प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और उन्हें 21 दिन की फरलो देने का निर्देश देने की मांग की है ताकि वह इस अवधि के दौरान जेल के बाहर कल्याणकारी गतिविधियों को अंजाम दे सकें। डीएसएस प्रमुख ने कहा है कि छुट्टी के लिए आवेदन पहले ही अधिकारियों को दिया जा चुका है, लेकिन 29 फरवरी के स्थगन आदेश के कारण इस याचिका पर विचार नहीं किया गया है।इसे भी पढ़ें: 'कोटा आत्महत्याओं से कोई संबंध नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकारउच्च न्यायालय के समक्ष दायर अपने आवेदन में, डेरा प्रमुख ने दावा किया है कि वह उस संस्था के धार्मिक प्रमुख हैं, जहां हर दो साल में एक बार जून के महीने में नियमित स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए "सेवादार श्रद्धांजलि भंडारा" का आयोजन किया जाता है। गंभीर बीमारियों अथवा अन्य कारणों से अपनी जान गंवा दी है, उनके शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना देने तथा हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए इसका आयोजन होता है। कहा गया कि आवेदक की अध्यक्षता में डीएसएस द्वारा कई कल्याणकारी

फिर जेल से बाहर आएगा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम? 21 दिन के फरलो के लिए खटखटाया न्यायालय का दरवाजा
डेरा सच्चा सौदा (डीएसएस) सिरसा के विवादास्पद प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और उन्हें 21 दिन की फरलो देने का निर्देश देने की मांग की है ताकि वह इस अवधि के दौरान जेल के बाहर कल्याणकारी गतिविधियों को अंजाम दे सकें। डीएसएस प्रमुख ने कहा है कि छुट्टी के लिए आवेदन पहले ही अधिकारियों को दिया जा चुका है, लेकिन 29 फरवरी के स्थगन आदेश के कारण इस याचिका पर विचार नहीं किया गया है।

इसे भी पढ़ें: 'कोटा आत्महत्याओं से कोई संबंध नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकार

उच्च न्यायालय के समक्ष दायर अपने आवेदन में, डेरा प्रमुख ने दावा किया है कि वह उस संस्था के धार्मिक प्रमुख हैं, जहां हर दो साल में एक बार जून के महीने में नियमित स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए "सेवादार श्रद्धांजलि भंडारा" का आयोजन किया जाता है। गंभीर बीमारियों अथवा अन्य कारणों से अपनी जान गंवा दी है, उनके शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना देने तथा हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए इसका आयोजन होता है। कहा गया कि आवेदक की अध्यक्षता में डीएसएस द्वारा कई कल्याणकारी गतिविधियां की जानी हैं, जैसे बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, नशामुक्ति और गरीब लड़कियों की शादी आदि, जिसके लिए प्रेरक अभियान चलाया जाता है। आवेदक द्वारा इसे पूरा करना आवश्यक है। 

इसे भी पढ़ें: NEET UG 2024 result: 'पेपर लीक' की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र, एनटीए को नोटिस, 8 जुलाई को एक साथ होगी सभी याचिकाओं पर सुनवाई

एचसी को यह भी सूचित किया गया है कि हर साल 70 दिनों की पैरोल और 21 दिनों की छुट्टी देना हरियाणा अच्छे आचरण कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम 2022 द्वारा योग्य दोषियों को दिया गया अधिकार है। उनकी याचिका में यह भी कहा गया है कि उन्होंने अतीत में पैरोल या फर्लो की रियायत का दुरुपयोग नहीं किया है और हमेशा समय पर आत्मसमर्पण किया है, और किसी भी स्तर पर उनके साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया गया है। डीएसएस प्रमुख के अनुसार, 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की छुट्टी पहले से ही उपयुक्त अधिकारियों द्वारा विचार के लिए लंबित है।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0