पुरी के जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार से खाली संदूक, अलमारियां स्थानांतरित की गईं

पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (कोषागार) से खाली लोहे के संदूक और अलमारियों को 12वीं सदी के मंदिर परिसर में स्थित नीलाद्रि विहार संग्रहालय के पास एक कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। जुलाई में रत्न भंडार को 46 वर्षों के बाद मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने और उसके ढांचे की मरम्मत के लिए पुनः खोला गया था। तब उन पात्रों में रखे आभूषण और अन्य कीमती वस्तुओं को दो चरणों में मंदिर के अंदर अस्थायी सुरक्षित कमरों में स्थानांतरित कर दिया गया था। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक एवं आईएएस अधिकारी अरबिंद पाढी ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए, उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की उपस्थिति में लोहे की खाली संदूक के साथ लोहे और लकड़ी की अलमारियों को स्थानांतरित किया गया।

पुरी के जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार से खाली संदूक, अलमारियां स्थानांतरित की गईं

पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (कोषागार) से खाली लोहे के संदूक और अलमारियों को 12वीं सदी के मंदिर परिसर में स्थित नीलाद्रि विहार संग्रहालय के पास एक कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। जुलाई में रत्न भंडार को 46 वर्षों के बाद मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने और उसके ढांचे की मरम्मत के लिए पुनः खोला गया था। तब उन पात्रों में रखे आभूषण और अन्य कीमती वस्तुओं को दो चरणों में मंदिर के अंदर अस्थायी सुरक्षित कमरों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक एवं आईएएस अधिकारी अरबिंद पाढी ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए, उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की उपस्थिति में लोहे की खाली संदूक के साथ लोहे और लकड़ी की अलमारियों को स्थानांतरित किया गया।

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