उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के तट पर स्थित ताज महल के रखरखाव को लेकर राज्य की सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिष्ठित ताज महल के खराब रखरखाव के लिए भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना की। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल मुगल स्मारक की खराब स्थिति को उजागर करने वाली एक मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके निष्क्रिय विभाग ताज महल को बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रहे हैं।
अपने एक्स पोस्ट में अखिलेश ने लिखा कि विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करनेवाले अजूबे ‘ताजमहल‘ के रख-रखाव को लेकर भाजपा सरकार व उसके सुषुप्त निष्क्रिय विभाग पूरी तरह से नाकाम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक जीता-जागता सक्रिय उदाहरण होना चाहिए, कोई स्मारक भर नहीं।
अखिलेश ने कुछ पॉइंटभी लिखे हैं:-
- मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में ज़ंग लगने की आशंका है,
- मुख्य गुंबद से पानी टपक रहा है,
- गुंबद में पेड़ उग आने का समाचार सुर्ख़ियों में है। इन जैसे पेड़ों की जड़े अगर विकसित हुईं तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं,
- ताजमहल का परिसर बंदरों के लिए अभयारण्य बन गया है,
- ताजमहल परिसर में जलभराव की समस्या है,
- पर्यटकों की परेशानी ये है कि वो ताजमहल निहारें या समस्याओं से निपटें।
- इन सब कारणों से दुनिया भर से आनेवाले पर्यटकों के बीच देश की छवि वैश्विक स्तर पर धूमिल होती है।
- सवाल ये है कि ताजमहल के रख-रखाव के लिए जो करोड़ों का फ़ंड आता है, वो कहाँ जाता है?
एक सप्ताह पहले, ताज महल तब सुर्खियों में आया था जब 14 सितंबर को लगातार बारिश के कारण स्मारक के मुख्य गुंबद से पानी का रिसाव हुआ था, जिससे परिसर में एक बगीचा जलमग्न हो गया था। ताज महल परिसर में जलमग्न बगीचे का कथित वीडियो वायरल हो गया और पर्यटकों का ध्यान खींचा। हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), आगरा सर्कल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्य गुंबद में रिसाव के कारण रिसाव हुआ है और इसे कोई नुकसान नहीं हुआ है।