डिजिटल लत के खतरे का सामना कर रहे 60 प्रतिशत बच्चे : Survey
नयी दिल्ली। एक नये सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि 5-16 वर्ष की आयु के बीच के लगभग 60 प्रतिशत बच्चे संभावित डिजिटल लत का संकेत देने वाले व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, जो इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। स्मार्ट पैरेंट सॉल्यूशन कंपनी ‘बाटू टेक’ द्वारा आयोजित सर्वेक्षण के नतीजे 1,000 माता-पिता के नमूना आकार पर आधारित है। इसे भी पढ़ें: स्टालिन ने कर्नाटक संगीत के गायक टी एम कृष्णा का समर्थन कियासर्वेक्षण का उद्देश्य यह सामने लाना है कि मोबाइल के उपयोग पर अधिक समय खर्च करना किस प्रकार नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करने के साथ ही शारीरिक गतिविधियों में कमी, समाज से दूरी और शैक्षणिक प्रदर्शन में कमी सहित विभिन्न जोखिम पैदा करता है। सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘लगभग 60 प्रतिशत बच्चे संभावित डिजिटल लत का संकेत देने वाले व्यवहार प्रदर्शित करते हैं और लगभग 85 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों की ऑनलाइन सामग्री खपत को प्रबंधित करने में कठिनाई आने की बात स्वीकार करते हैं।
नयी दिल्ली। एक नये सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि 5-16 वर्ष की आयु के बीच के लगभग 60 प्रतिशत बच्चे संभावित डिजिटल लत का संकेत देने वाले व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, जो इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। स्मार्ट पैरेंट सॉल्यूशन कंपनी ‘बाटू टेक’ द्वारा आयोजित सर्वेक्षण के नतीजे 1,000 माता-पिता के नमूना आकार पर आधारित है।
सर्वेक्षण का उद्देश्य यह सामने लाना है कि मोबाइल के उपयोग पर अधिक समय खर्च करना किस प्रकार नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करने के साथ ही शारीरिक गतिविधियों में कमी, समाज से दूरी और शैक्षणिक प्रदर्शन में कमी सहित विभिन्न जोखिम पैदा करता है। सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘लगभग 60 प्रतिशत बच्चे संभावित डिजिटल लत का संकेत देने वाले व्यवहार प्रदर्शित करते हैं और लगभग 85 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों की ऑनलाइन सामग्री खपत को प्रबंधित करने में कठिनाई आने की बात स्वीकार करते हैं।