डॉक्टरों की भर्ती के लिए उपराज्यपाल को कई बार पत्र लिखा गया: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के बारे में उपराज्यपाल वी के सक्सेना को कई बार पत्र लिखा है लेकिन उनके पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। राजनिवास के अधिकारियों ने आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विज्ञापनों और प्रचार पर आधारित 10 साल के ‘‘कुशासन का गुब्बारा अब फूटने लगा है।’’ एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अब जब व्यवस्था चरमरा रही है, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले मंत्री सौरभ भारद्वाज बेतहाशा बहाने खोज रहे हैं। आम आदमी पार्टी का ‘स्वास्थ्य मॉडल’ सबके सामने है।’’ भारद्वाज ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डॉक्टरों और तकनीशियनों की भर्ती उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आती है। भारद्वाज ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैंने पिछले साल मार्च में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला था और अप्रैल में उन्हें डॉक्टरों के 292 और विशेषज्ञों के 234 रिक्त पदों को भरने के लिए पत्र लिखा था। मैंने सुझाव दिया था कि चूंकि यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के माध्यम से भर्ती में समय लग

डॉक्टरों की भर्ती के लिए उपराज्यपाल को कई बार पत्र लिखा गया: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के बारे में उपराज्यपाल वी के सक्सेना को कई बार पत्र लिखा है लेकिन उनके पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

राजनिवास के अधिकारियों ने आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विज्ञापनों और प्रचार पर आधारित 10 साल के ‘‘कुशासन का गुब्बारा अब फूटने लगा है।’’ एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अब जब व्यवस्था चरमरा रही है, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले मंत्री सौरभ भारद्वाज बेतहाशा बहाने खोज रहे हैं। आम आदमी पार्टी का ‘स्वास्थ्य मॉडल’ सबके सामने है।’’

भारद्वाज ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डॉक्टरों और तकनीशियनों की भर्ती उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आती है। भारद्वाज ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैंने पिछले साल मार्च में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला था और अप्रैल में उन्हें डॉक्टरों के 292 और विशेषज्ञों के 234 रिक्त पदों को भरने के लिए पत्र लिखा था। मैंने सुझाव दिया था कि चूंकि यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के माध्यम से भर्ती में समय लग रहा है, इसलिए डॉक्टरों को अनुबंध के आधार पर रखा जा सकता है।’’

मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस साल 26 जुलाई को फिर से उपराज्यपाल से डॉक्टरों, विशेषज्ञों और पारामेडिकल कर्मियों को अनुबंध के आधार पर भर्ती करने का अनुरोध किया। भारद्वाज ने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी सेवा विभाग को डॉक्टरों को अनुबंध पर नियुक्त करने का निर्देश दिया था लेकिन कोई भर्ती नहीं की गई।

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