जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव चरित्र, चाल और क्षमता के आधार पर चुने: उपराष्ट्रपति

हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोगों को अपना प्रतिनिधि ‘4सी- कैरेक्टर (चरित्र), कंडक्ट (आचरण),कैलिबर (योग्यता) और कपैसिटी (क्षमता) के आधार पर चुनना चाहिए और अन्य किसी पहलू पर विचार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से चरित्र, आचरण, योग्यता और क्षमता का स्थान अन्य 4सी - (कास्ट)जाति, (कम्युनिटि)समुदाय, (कैश) नगद और क्रिमनैल्टि (अपराधिता) ने ले लिया है।The Vice President releasing the book ‘Suparipalana’ by retired civil servant Dr Shailendra Joshi. pic.twitter.com/RgmyJBZzPc— Vice President of India (@VPSecretariat) April 1, 2021 उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नागरिक केंद्रित शासन, शासन केंद्रित मतदान से ही आ सकता है।’’ नायडू ने यह बात ‘सुपरीपालना’ नामक किताब के लोकार्पण लिए आयोजित कार्यक्रम में कही। यह किताब तेलंगाना के पूर्व मुख्य सचिव एसके जोशी द्वारा अंग्रेजी में लिखी किताब ‘ इको टी कॉलिंग : टुवर्ड्स पीपुल सेंट्रिक गवर्नेंस’’ का तेलुगु संस्करण है। उन्होंने कहा कि अच्छा शासन लोगों की आंकाक्षाओं की पूर्ति और प्रभावी तरीके से विभिन्न योजनाओं का क

जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव चरित्र, चाल और क्षमता के आधार पर चुने: उपराष्ट्रपति
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोगों को अपना प्रतिनिधि ‘4सी- कैरेक्टर (चरित्र), कंडक्ट (आचरण),कैलिबर (योग्यता) और कपैसिटी (क्षमता) के आधार पर चुनना चाहिए और अन्य किसी पहलू पर विचार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से चरित्र, आचरण, योग्यता और क्षमता का स्थान अन्य 4सी - (कास्ट)जाति, (कम्युनिटि)समुदाय, (कैश) नगद और क्रिमनैल्टि (अपराधिता) ने ले लिया है। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नागरिक केंद्रित शासन, शासन केंद्रित मतदान से ही आ सकता है।’’ नायडू ने यह बात ‘सुपरीपालना’ नामक किताब के लोकार्पण लिए आयोजित कार्यक्रम में कही। यह किताब तेलंगाना के पूर्व मुख्य सचिव एसके जोशी द्वारा अंग्रेजी में लिखी किताब ‘ इको टी कॉलिंग : टुवर्ड्स पीपुल सेंट्रिक गवर्नेंस’’ का तेलुगु संस्करण है। उन्होंने कहा कि अच्छा शासन लोगों की आंकाक्षाओं की पूर्ति और प्रभावी तरीके से विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। चुनी हुई सरकार को ‘ जनविश्वास का धारक’ करार देते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें सलाह दी कि वे जिम्मेदारी से कार्य करें और लोगों की निष्ठापूर्वक सेवा करें।

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